जयपुर स्थित दुर्गा बाड़ी में दुर्गा माता की पूजा। फ़ोटो अनुग्रह सोलोमन
जबलपुर में सिटी बंगाली क्लब में ऑनलाइन दर्शन : कोरोना महामारी को देखते हुए समिति ने निर्णय लिया कि अंदर सिर्फ तीन चार सदस्य ही पूजा—अर्चना करेंगे। फोटो: अफरोज खान
भरतपुर के खिरनी घाट स्थित राजराजेश्वरी मंदिर में दुर्गा अष्टमी के अवसर पर पूजा करतीं श्रद्धालु। राजराजेश्वरी मंदिर में सजी अष्टभुजा की झांकी के दर्शन साल में सिर्फ दो बार होते हैं। राजराजेश्वरी माता की पूजा पृथ्वीराज चौहान करते थे, यह उनकी इष्ट देवी थी। यहां के महाराज दिल्ली से लेकर आए थे।
श्रद्धा और भक्ति में गुम हुई गाइडलाइन : धौलपुर में अष्टमी के दौरान शहर भर में माता के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। लोग बगैर सोशल डिस्टेंस और मास्क के मंदिरों में नजर आए । शहर की झोर वाली माता के मंदिर पर दर्शन करते श्रद्धालु।
सूरत के वेड रोड क्षेत्र में बंगाली समाज के लोगों ने दुर्गा पूजा के लिए इस बार प्रतिमा की स्थापना नहीं की बल्कि माताजी का फोटो लगाया और दुर्गाजी की पूजा की । फ़ोटो : मुकेश त्रिवेदी
सूरत के पार्ले पॉइंट अंबाजी मंदिर में नवरात्रि की अष्टमी पर माताजी को छपन भोग अर्पण किया ओर हवन भी किया गया भक्तों के लिए बाहर प्रोजेक्टर स्क्रीन पर दर्शन की व्यवस्था की गई ।बाहर दर्शन के लिए लगी कतार। फ़ोटो : मुकेश त्रिवेदी