script

Basant Panchami 2023: ऐसा करने पर मां सरस्वती बच्चे का देंगी जीवन भर साथ, जानिए क्यों है बसंत पंचमी खास

Published: Jan 24, 2023 04:53:17 pm

Submitted by:

Pravin Pandey

बसंत पंचमी 2023 (Basant Panchami 2023) इस साल 26 जनवरी को पड़ रही है। इस दिन माता सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। इस साल बसंत पंचमी पर खास संयोग है। हम आपको बता रहे हैं कि इस दिन ये बसंत पंचमी उपाय (Basant Panchami Remedy) करने पर माता सरस्वती आपके बच्चे का जीवन भर साथ देंगी।

goddess_saraswati.jpg

goddess saraswati puja on basant panchami

Basant Panchami Sanyog: बता दें कि माघ शुक्ल पंचमी तिथि को बसंत पंचमी त्योहार मनाया जाता है। यह दिन विद्या और ज्ञान की देवी सरस्वती को समर्पित है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा अर्चना से विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है। इससे बुद्धि के देवता गणेश की भी कृपा प्राप्त होती है और विवेक व बुद्धि भी बढ़ती है।

इधर, इस साल वर्ष 2023 में बसंत पंचमी पर खास संयोग बन रहा है। इससे बसंत पंचमी का महत्व बढ़ गया है। दरअसल, इस साल बसंत पंचमी बृहस्पतिवार को पड़ रही है। यह दिन माता सरस्वती, देव गुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु की भी पूजा का दिन है। इससे बसंत पंचमी विशेष बन गई है। इस दिन माता सरस्वती की पूजा से देव गुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होगी।

जानकारों के अनुसार सप्ताह का हर वार किसी न किसी देवी-देवता की पूजा के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन इन देवी देवताओं की पूजा की जाय तो वे आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं। ऐसे में बसंत पंचमी गुरुवार यानी माता सरस्वती की पूजा के दिन ही पड़ रही है। इसलिए इस दिन पूजा से माता सरस्वती जल्द ही प्रसन्न हो जाएंगी और भक्त पर कृपा बरसाएंगी।
ये भी पढ़ेंः Vasant Panchami 2023: वसंत पंचमी पर क्यों पहनते हैं पीले कपड़े, जानिए माता सरस्वती से जुड़ी चीजों के अर्थ

0:00


बसंत पंचमी उपाय

वैसे तो बसंत पंचमी अबूझ मुहूर्त है, इस दिन किया जा रहा कोई भी कार्य शुभ फल देता है। इस दिन बिना किसी मुहूर्त की परवाह किए कोई भी कार्य शुरू किया जा सकता है। लेकिन अगर इस दिन बच्चों को शिक्षा देने की शुरुआत की जाय तो आपके बच्चे पर जिंदगी भर माता सरस्वती की कृपा बनी रहेगी।


आइये बताते हैं मां सरस्वती की पूजा का मंत्र


या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रांवृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सामांपातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥1॥


शुक्लांब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्‌॥
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्‌।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवती बुद्धिप्रदां शारदाम्‌॥2॥
https://youtu.be/LSsOklUrbt4

ट्रेंडिंग वीडियो