इधर, इस साल वर्ष 2023 में बसंत पंचमी पर खास संयोग बन रहा है। इससे बसंत पंचमी का महत्व बढ़ गया है। दरअसल, इस साल बसंत पंचमी बृहस्पतिवार को पड़ रही है। यह दिन माता सरस्वती, देव गुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु की भी पूजा का दिन है। इससे बसंत पंचमी विशेष बन गई है। इस दिन माता सरस्वती की पूजा से देव गुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होगी।
जानकारों के अनुसार सप्ताह का हर वार किसी न किसी देवी-देवता की पूजा के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन इन देवी देवताओं की पूजा की जाय तो वे आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं। ऐसे में बसंत पंचमी गुरुवार यानी माता सरस्वती की पूजा के दिन ही पड़ रही है। इसलिए इस दिन पूजा से माता सरस्वती जल्द ही प्रसन्न हो जाएंगी और भक्त पर कृपा बरसाएंगी।
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बसंत पंचमी उपाय
आइये बताते हैं मां सरस्वती की पूजा का मंत्र
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रांवृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सामांपातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥1॥
शुक्लांब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवती बुद्धिप्रदां शारदाम्॥2॥