यूं तो माना जाता है कि जितना सरल, सहज महावीर हनुमान जी का व्यक्तित्व है, उतनी ही आसान इनकी पूजा भी है। भगवान भोलेनाथ यानि रुद्र के अवतार होने के चलते यह आसानी से प्रसन्न भी हो जाते हैं। लेकिन जानकारों का यह भी मानना है कि श्रीराम भक्त हनुमान की पूजा में भक्ति के समावेश के साथ कुछ विशेष बातों का भी ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
मान्यता है कि श्री हनुमान का नाम लेने मात्र से ही सारे संकट दूर हो जाते हैं और भक्त को किसी बात का भय नहीं सताता है। उनके नाम से ही आसुरी शक्तियां गायब हो जाती हैं। ऐसे में हनुमान जी के जन्मोत्सव को देश भर में हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। वहीं पंडित एसके उपाध्याय के अनुसार इनकी पूजा में कुछ गलतियां भूलकर भी नहीं करनी चाहिए। ऐसे में आज हम आपको बता रहे है कि हनुमान जन्मोत्सव पर हनुमानजी की पूजा करते समय किन 10 नियमों का पालन अनिवार्य है, साथ ही किन सावधानियों को इस दौरान अवश्य रखना चाहिए।
श्री हनुमानजी की पूजा का तरीका (How to do Hanuman Puja) :
1. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-ध्यान से निवृत हो व्रत का संकल्प लेने के पश्चात पूजा की तैयारी करनी चाहिए।
2. इसके तहत नित्य कर्म के पश्चात श्री हनुमानजी के चित्र अथवा मूर्ति को लाल या पीला कपड़ा बिछाकर लकड़ी के पाट पर रख दें और स्वयं शुद्ध और पवित्र कपड़े पहनकर कुश के आसन पर बैठें।
3. इसके पश्चात मूर्ति को स्नान कराना चाहिए, वहीं यदि आपके पास श्री हनुमानजी का चित्र है तो उसे अच्छे से साफ करना चाहिए। फिर धूप, दीप प्रज्वलित करके पूजा शुरु करें।
4. श्री हनुमानजी को तिलक अनामिका अंगुली से लगाने के पश्चात उन्हें सिंदूर अर्पित करके गंध, चंदन आदि भी लगाएं जिसके बाद उन्हें फूल और हार चढ़ाएं।
5. विधि विधान से पंचोपचार पूजा के पश्चात श्री हनुमानजी को प्रसाद या नैवेद्य (भोग) का अर्पण करें। लेकिन ध्यान रहे कि नैवेद्य में नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग न किया गया हो।
6. अंतत: श्री हनुमानीजी की आरती करें। आरती के पश्चात श्री हनुमानजी को पुन: नैवेद्य अर्पित करें और अंत में उसे प्रसाद रूप में सभी को बांटें।
श्री हनुमान जी की पूजा के नियम (Rules of worship of Shri Hanuman ji)
1. श्री हनुमानजी की पूजा में सदैव शुद्धता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखें। इसके तहत पूजा से पहले पूजा स्थल की अच्छे से साफ सफाई कर लें।
2. विशेष मुहूर्त में ही श्री हनुमानजी की पूजा करें, इसके साथ ही सुबह और शाम के समय भी कर सकते हैं।
3. लाल रंग के फूलों का ही हनुमान की पूजा में उपयोग करें।
4. श्री हनुमानजी की पूजा में लाल सूत (धागे) की ही बाती दीपक में लगाएं।
5. गुड़ व चने का प्रसाद श्री हनुमानजी को अवश्य अर्पित करें। इसके अतिरिक्त आप केसरिया बूंदी के लड्डू, बेसन के लड्डू, चूरमा, मालपुआ या मलाई मिश्री का भी श्री हनुमानजी को भोग लगा सकते हैं।
6. हनुमान चालीसा के अलावा बजरंगबाण या सुंदरकाण्ड का पाठ यदि आप हनुमान पूजा में आरती के पश्चात कर रहे हैं तो इनके नियमों की अवश्य जानकारी रखें।
7. माता अंजनी, मां जानकी, श्रीराम और लक्ष्मण की पूजा भी श्री हनुमानजी की पूजा के साथ ही अवश्य करना चाहिए।श्री हनुमानजी पूजा में रखे ये सावधानियां- (10 Precautions Of Hanuman Puja) :