प्रेम से दूर होगा तनाव, खुद को भी पसंद करें
Published: Jul 16, 2017 04:19:00 pm
सत्य अपने आप में एक शक्ति है
स्वयं का शरीर से संवाद होने दो। उससे कहो कि विश्रांत हो जाएं, उसे कहो कि यहां डरने की कोई जरूरत नहीं है। तनाव खुद दूर होता जाएगा।
सत्य की शक्ति
सत्य अपने आप में एक शक्ति है, साधना और तपस्या है। जिसके पास सत्य की शक्ति है उसके पास दुनिया की हर वस्तु स्वत: ही आ जाती है। झूठ से तो सिर्फ आश्वासन, दिखावा और फरेब मिलता है। जब बच्चा छोटा होता है तो उसे सिखाते हैं कि जीवन में सच बोलना चाहिए, ईमानदारी के पथ पर चलना चाहिए। सत्य ही मनुष्य का असली आभूषण है। जो सच को अपनाता है वह कहीं भी असफल नहीं होता है।
शरीर से संवाद
बंद आंखों के साथ अपने शरीर के भीतर नख से शिखर तक जाकर देखो कि तनाव कहां है। और तब उस हिस्से से बात करो जैसे कि तुम अपने मित्र से बात करते हो। अपने और अपने शरीर के साथ संवाद होने दो। उससे कहो कि विश्रांत हो जाएं। उसे कहो कि यहां डरने की कोई जरूरत नहीं है। डरो मत। मैं यहां ध्यान रखने के लिए हूं, तुम विश्रांत हो सकते हो। धीरे-धीरे तुम इसकी दक्षता सीख जाओगे।
स्थायी प्रेम
ओशो कहते हैं प्रेम स्थायी या अनंत नहीं है। उनकी कसौटियों को मत लो कि सच्चा प्रेम अनंत होता है और गैर सच्चा प्रेम क्षणिक होता है…नहीं! इसके ठीक विपरीत बात है। सच्चा प्रेम बहुत क्षणिक होता है …लेकिन वह क्षण ऐसा होता है…ऐसा कि कोई उसके लिए अनंतकाल को छोड़ सकता है, इसके लिए सारे अनंत काल को दांव पर लगा सकता है। चूंकि जीवन बदलाव है। प्रवाह है, सिर्फ मृत्यु ही स्थाई होती है।