चेन्नई में भी की गई नोटों से सजावट
उधर चेन्नई के अरुम्बक्कम में बाला विनयागार मंदिर की सजावट भी नोटों से की गई। इसमें 4 लाख रुपए के नोट लगे।
आप को बता दें कि ऐसा माना जाता है कि गहने, हीरे और पैसे से मां की मूर्ति की सजावट कर पूजा करने से समृद्धि और कामयाबी मिलती है। चेन्नई के इस मंदिर की शानदार सजावट को आप यहां लिंक पर क्लिक कर देख सकते हैं
उधर चेन्नई के अरुम्बक्कम में बाला विनयागार मंदिर की सजावट भी नोटों से की गई। इसमें 4 लाख रुपए के नोट लगे।
आप को बता दें कि ऐसा माना जाता है कि गहने, हीरे और पैसे से मां की मूर्ति की सजावट कर पूजा करने से समृद्धि और कामयाबी मिलती है। चेन्नई के इस मंदिर की शानदार सजावट को आप यहां लिंक पर क्लिक कर देख सकते हैं
तमिल नववर्ष में देखा गया उत्साह
तमिलनाडु के लोगों ने पारंपरिक तरीके से उत्साह के साथ तमिल नववर्ष का स्वागत किया। लोगों ने एक-दूसरे को ‘पुथांडु वजथुक्कल’ कहते हुए नववर्ष की बधाई दी। घरों में रंगोली सजाई गई। तमिल लोगों ने मीठा पकवान और अन्य पकवान बनाए। इस दिन खासतौर से ‘मैंगो पचिदी’ बनाया जाता है।
तमिलनाडु के लोगों ने पारंपरिक तरीके से उत्साह के साथ तमिल नववर्ष का स्वागत किया। लोगों ने एक-दूसरे को ‘पुथांडु वजथुक्कल’ कहते हुए नववर्ष की बधाई दी। घरों में रंगोली सजाई गई। तमिल लोगों ने मीठा पकवान और अन्य पकवान बनाए। इस दिन खासतौर से ‘मैंगो पचिदी’ बनाया जाता है।
क्या है तमिल नव वर्ष ?
तमिल हिंदू कैलेंडर के अनुसार चिथिरई महीने की 14 ( अप्रैल ) तारीख को ही लोग नववर्ष मनाते हैं। थई महीने (जनवरी) के 14 तारीख को फसलों-कृषि से संबंधित पर्व पोंगल मनाया जाता है। नए साल के तौर पर इस दिन मां अंबिगई मुथुमरीयाम्मन की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। बता दें कि वर्ष 2008 में करूणानिधि के नेतृत्व वाली द्रमुक सरकार ने तमिलनाडु विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया था कि तमिल नव वर्ष 14 जनवरी को मनाया जाए, जो पोंगल के दिन पड़ता है।
तमिल हिंदू कैलेंडर के अनुसार चिथिरई महीने की 14 ( अप्रैल ) तारीख को ही लोग नववर्ष मनाते हैं। थई महीने (जनवरी) के 14 तारीख को फसलों-कृषि से संबंधित पर्व पोंगल मनाया जाता है। नए साल के तौर पर इस दिन मां अंबिगई मुथुमरीयाम्मन की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। बता दें कि वर्ष 2008 में करूणानिधि के नेतृत्व वाली द्रमुक सरकार ने तमिलनाडु विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया था कि तमिल नव वर्ष 14 जनवरी को मनाया जाए, जो पोंगल के दिन पड़ता है।