– झूठ न बोलें
हमें बचपन से सिखाया जाता है कि ‘झूठ बोलना पाप है’, लेकिन हम फिर भी झूठ बोलते हैं। बचपन में तो झूठ बोलने पर हम एक कविता भी गाते थे कि ‘झूठ बोलना पाप है, तेरे घर में सांप हैं, बिल्ली मौसी आएगी, तुझे उठा कर ले जाएगी’। याद आई आपको यह कविता, बचपन से हमें बेशक सीख रहे हों कि झूठ नहीं बोलना चाहिए लेकिन आए दिन हम लोगों से झूठ बोलते हैं। यह बात भी सभी जानते हैं कि झूठ को छिपाने के लिए हमें और झूठ बोलने पड़ते हैं। उदाहरण के तौर पर महाभारत में कर्ण ने परशुराम से झूठ बोला था कि वह ब्राह्मण है। जिसके चलते परशुराम ने उन्हें सभी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र का ज्ञान दिया था। लेकिन जब उन्हें सच पता लगा तो उन्होंने कर्ण को शाप दे दिया था कि उसे जब इन अस्त्रों-शस्त्रों की सबसे ज्यादा आवश्यकता होगी वह उसी समय उसे भूल जाएगा। इसी शाप की वजह से युद्ध में अर्जुन के सामने कर्ण शस्त्रों को चलाना भूल गए थे। इसीलिए हमें भी झूठ बोलने से बचना चाहिए।
– किसी को धोखा न दें
बात महाभारत की ही करें तो महाभारत का युद्ध दुर्योधन और मामा शकुनि के छल का भी परिणाम था। महाभारत से हमें पता चलता है कि कौरवों ने पांडवों के साथ कई बार कपट किया था और अंत में पांडवों के हाथों सभी कौरव मारे गए। इसलिए दूसरों को धोखा नहीं देना चाहिए।
बात महाभारत की ही करें तो महाभारत का युद्ध दुर्योधन और मामा शकुनि के छल का भी परिणाम था। महाभारत से हमें पता चलता है कि कौरवों ने पांडवों के साथ कई बार कपट किया था और अंत में पांडवों के हाथों सभी कौरव मारे गए। इसलिए दूसरों को धोखा नहीं देना चाहिए।
– किसी की हत्या नहीं करनी चाहिए
कहते हैं कि किसी इंसान की जान लेना एक ऐसा पाप है जिसकी सजा आपको जरूर मिलती हैं। शास्त्रों में भी लिखा है कि हत्या करना अक्षम्य पाप है। जिसका मतलब है कि उसे किसी भी कीमत पर क्षमा नहीं किया जा सकता। इसलिए कहते भी हैं ना कि हत्या के लिए कितनी भी प्लानिंग हुई हो उसके दोषी को देर से सही पर सजा जरूर मिलती है।
कहते हैं कि किसी इंसान की जान लेना एक ऐसा पाप है जिसकी सजा आपको जरूर मिलती हैं। शास्त्रों में भी लिखा है कि हत्या करना अक्षम्य पाप है। जिसका मतलब है कि उसे किसी भी कीमत पर क्षमा नहीं किया जा सकता। इसलिए कहते भी हैं ना कि हत्या के लिए कितनी भी प्लानिंग हुई हो उसके दोषी को देर से सही पर सजा जरूर मिलती है।
– अहंकार नहीं करना
अगर आप किसी चीज में अच्छे हैं तो उसका अभिमान आप के अंदर कभी नहीं आना चाहिए। अगर आपके अंदर उस चीज का अहंकार आ जाता है, तो चीजें खराब होने में ज्यादा समय नहीं लगता। अहंकारी लोग अपने अहंकार के कारण पाप भी करने लगते हैं। रावण और दुर्योधन अहंकार के जीते-जागते उदाहरण हैं।
अगर आप किसी चीज में अच्छे हैं तो उसका अभिमान आप के अंदर कभी नहीं आना चाहिए। अगर आपके अंदर उस चीज का अहंकार आ जाता है, तो चीजें खराब होने में ज्यादा समय नहीं लगता। अहंकारी लोग अपने अहंकार के कारण पाप भी करने लगते हैं। रावण और दुर्योधन अहंकार के जीते-जागते उदाहरण हैं।
– अवैध संबंध बनाने से बचना
जो स्त्री-पुरुष शादी से पहले या फिर शादी के बाद किसी अन्य के साथ संबंध बनाते हैं, वह एक बर्बादी की राह पर होते हैं। ये एक ऐसा काम है जो ज्यादा देर तक छिपता नहीं है। शास्त्रों में इसे चीज को महापाप माना गया है। इस पाप से हमें बचना चाहिए।
जो स्त्री-पुरुष शादी से पहले या फिर शादी के बाद किसी अन्य के साथ संबंध बनाते हैं, वह एक बर्बादी की राह पर होते हैं। ये एक ऐसा काम है जो ज्यादा देर तक छिपता नहीं है। शास्त्रों में इसे चीज को महापाप माना गया है। इस पाप से हमें बचना चाहिए।