पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णमा चार जून 2023 रविवार को है, इस दिन करीब 12 बजे तक सिद्धि योग बन रहा है। इसी योग में स्नान दान किया जाएगा। ज्योतिष के अनुसार सिद्धि योग में किया गया हर कार्य सफल होता है। वहीं पूजा, जप-तप, दान पुण्य का फल बढ़ जाता है।
पूर्णिमा तिथि की शुरुआतः तीन जून को 11.16 एएम
पूर्णिमा तिथि का समापनः चार जून 9.11 एएम
सिद्धि योगः चार जून 11.59 एएम तक
अभिजित मुहूर्तः 12.10 पीएम से 1.03 पीएम तक
अमृतकालः 7.12 पीएम से 8.41 पीएम तक
ज्येष्ठ पूर्णिमा के उपाय (Jyeshth Purnima Upay)
1. सुख शांति के लिएः घर में सुख शांति के लिए पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान के बाद पीपल के पेड़ को जल देना चाहिए। इसमें भगवान विष्णु का वास माना जाता है। इसके कारण माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनके आशीर्वाद से घर में सुख शांति आती है।
2. माता लक्ष्मी की विशेष कृपा के लिएः ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा भोग में खीर अर्पित करना चाहिए। पूजा के दौरान 11 कौड़ियों पर हल्दी का तिलक लगाकर उन्हें लक्ष्मीजी को चढ़ा देना चाहिए। पूजा के बाद इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में माता लक्ष्मी स्थायी निवास बनाती हैं। इससे भक्त के घर में कभी कोई कमी नहीं रहती। तिजोरी खाली नहीं होती।
3. मोक्ष के लिएः पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है, मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
4. चंद्रमा की मजबूती के लिएः ज्योतिष के अनुसार पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपने संपूर्ण क्षमता वाला होता है। इस दिन चंद्रमा से जुड़ी चीजें दूध, शक्कर, दही, चावल आदि का दान करने से कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है और इससे घर में सुख समृद्धि आती है।
इस मंत्र का करें जाप
1. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलाये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊं महालक्ष्मी नमः और
2. ऊं श्रीं ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये चिंताये दूरये दूरये स्वाहा मंत्र का जाप करना चाहिए।
(इन मंत्रों के जाप से घर में सुख समृद्धि आएगी)