इस बार पंचांग के अनुसार 14 मार्च को फाल्गुन मास का शुक्ल पक्ष आरंभ होने के साथ ही खरमास भी शुरू चुका है, ऐसे में इस दिन प्रतिपदा तिथि रही। यह खरमास 14 अप्रैल तक रहेगा। खरमास की यह अवधि शुभ और मांगलिक कार्य के लिए ठीक नहीं बताई गई है।
लेकिन मान्यता के अनुसार इस दौरान पूजा-पाठ, दान, पुण्य और आध्यात्मिक काम करना विशेष फलदाई साबित होता है। खरमास में मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और कोई नया कार्य इस दौरान नहीं किया जाता है।
खरमास को कई जगह पर मलमास या दुष्टमास के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता के अनुसार यदि कोई व्यक्ति इस 1 महीने की समय अवधि के दौरान धार्मिक कार्य में समय व्यतीत करें तो उसके जीवन से कष्ट समाप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि खरमास में सूर्य की गति धीमी हो जाती है।
ऐसे समझें खरमास?
जानकारों के अनुसार सूर्य जब बृहस्पति की राशि धनु राशि या मीन राशि मे आते हैं तो खरमास आरंभ होते हैं। वहीं यह भी माना जाता है कि खरमास का महीना भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है।
ऐसे में इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा अर्चना और उनसे जुड़ी वस्तुओं का दान पुण्य आदि भी किया जा सकता है। ऐसा करने से आपके जीवन में सुख समृद्धि आएगी, महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा और आपको मानसिक शांति भी मिलेगी।
कुल मिलाकर जहां खरमास में पूजा पाठ का विशेष महत्व बताया गया है वहीं, इस दौरान कुछ ऐसे भी कार्य होते हैं जिन्हें गलती से भी नहीं करना चाहिए। अन्यथा आपके जीवन पर इसका दुष्परिणाम देखने को मिल सकता है। तो आइए जानते हैं क्या है वह काम जिन्हें खरमास के दौरान गलती से भी नहीं करना चाहिए।
खरमास में इन बातों का रखें खास ध्यान
खरमास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। वहीं खरमास में दान का भी विशेष महत्व माना गया है। खरमास में इष्ट देवता की पूजा करने से भी शुभ फल प्राप्त होते हैं। जिन लोगों के जीवन में सूर्य से संबंधित परेशानी बनी हुई है, वे खरमास में सूर्य देव की उपासना करें। माना जाता है कि ऐसा करने से सूर्य संबंधी दोष दूर होते हैं।
: खरमास के दौरान कभी भी मुंडन आदि संस्कार नहीं करना चाहिए।
: इसके अलावा खरमास के महीने में विवाह आदि मांगलिक कार्य भी नहीं करना चाहिए। इस वर्ष 14 अप्रैल को जब मलमास समाप्त होगा तब दोबारा शादी विवाह, मुंडन आदि किए जा सकेंगे। इस वर्ष विवाह मुहूर्त की बात करें तो अप्रैल में 24, 25, 26, 27 और 30 अप्रैल को विवाह मुहूर्त हैं।
: खरमास में बहू बेटियों की विदाई नहीं करनी चाहिए।
: इस दौरान गृह प्रवेश भी नहीं किया जाता है।
: किसी भी तरह का कोई शुभ या नया काम भी मलमास के महीने में लोग शुरू करने से कतराते हैं।
: मुमकिन हो तो खरमास के इस महीने में गेहूं, चावल, मूंग की दाल, जौ, तिल, आम, जीरा, सुपारी, सौंठ, सेंधा नमक भी नहीं खाना चाहिए।
: खरमास के महीने में किसी से भी गलत तरह से बात करने, लड़ाई झगड़ा या विवाद करने से भी जितना हो सके बचना चाहिए।
खरमास में जीवनशैली को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास करने के साथ ही इस दौरान संतुलित आहार लेना चाहिए। खरमास के महीने में सूर्य उपासना करना बेहद शुभ साबित होता है। इस दौरान आप चाहें तो रोजाना आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं और साथ ही इस दौरान विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी विशेष फलदाई होता है।