औरों
को हंसते देखो तुम,
हंसो और सुख पाओ
अपने सुख को विस्तृत कर लो,
सबको सुखी बनाओ।
हंसो और सुख पाओ
अपने सुख को विस्तृत कर लो,
सबको सुखी बनाओ।
Published: Mar 10, 2015 03:44:00 pm
सुनील शर्मा
कल शाम हम जिस जगह थे, वहां से तुलना करें और अपनी स्थिति को आज
बेहतर बनाएं