scriptप्रेरक-प्रसंग: क्रोध में लिया निर्णय गलत | Motivational Story: An angry man can't take right decision | Patrika News
धर्म और अध्यात्म

प्रेरक-प्रसंग: क्रोध में लिया निर्णय गलत

जब पिप्लाद को पता चला कि देवताओं को अस्थिदान देने के कारण
उनके पिता की मृत्यु हुई तो उन्हें बहुत दुख हुआ

Mar 01, 2015 / 09:20 am

सुनील शर्मा

महर्षि दधिचि के पुत्र का नाम था पिप्लाद। जब पिप्लाद को यह पता चला कि देवताओं को अस्थि-दान देने के कारण उनके पिता की मृत्यु हो गई तो उन्हें बहुत दुख हुआ। आगबबूला होकर उन्होंने देवताओं से बदला लेने की ठानी और भगवान शंकर की कठोर तपस्या की। भगवान खुश हुए और पिप्लाद से वरदान मांगने को कहा। पिप्लाद ने भगवान से प्रार्थना की,”हे आशुतोष! मुझे ऎसी शक्ति दो, जिससे मैं देवताओं से अपने पिता की मृत्यु का बदला ले सकूं।” भगवान ने तथास्तु कह दिया।

उनके अंर्तध्यान होने के तुरंत बाद वहां एक राक्षसी प्रकट हुई। पिप्लाद ने गुस्से में कहा, “सभी देवताओं को मार डालो।” आदेश मिलते ही राक्षसी पिप्लाद की तरफ झपट पड़ी। पिप्लाद अचंभित हो चीख पड़ा, “यह क्या कर रही हो?” राक्षसी बोली, “स्वामी आपने ही तो मुझे आदेश दिया है कि सभी देवताओं को मार डालो। मुझे तो सृष्टि के हर कण में किसी-न-किसी देव का वास नजर आता है। सच तो यह है कि मुझे आपके शरीर के हर अंग में भी कई देवता दिख रहे हैं। इसीलिए मैंने सोचा कि क्यों न शुरूआत आपसे ही करूं। पिप्लाद भयभीत हो उठा! उसने दोबारा शंकर भगवान की तपस्या की और भगवान फिर प्रकट हुए। पिप्लाद के भय को समझकर उन्होंने उसे समझाया, “वत्स, गुस्से में आकर लिया गया हर निर्णय भविष्य में गलत ही साबित होता है। पिता की मृत्यु का बदला लेने की धुन में तुम यह भी भूल गए कि दुनिया के कण-कण में भगवान का वास है।

Home / Astrology and Spirituality / Religion and Spirituality / प्रेरक-प्रसंग: क्रोध में लिया निर्णय गलत

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो