धर्म और अध्यात्म

प्रेरक प्रसंग: अवसर की पहचान

एक बार एक ग्राहक ने चित्रों की दुकान पर अजीब से चित्र देखे, पहले चित्र मे चेहरा पूरी तरह बालों से ढका हुआ
था और पैरों मे पंख थे

May 26, 2015 / 01:50 pm

सुनील शर्मा

Happy girl lying on earth

एक बार एक ग्राहक चित्रों की दुकान पर गया। उसने वहां पर अजीब से चित्र देखे। पहले चित्र मे चेहरा पूरी तरह बालों से ढका हुआ था और पैरों मे पंख थे। एक दूसरे चित्र मे सिर पीछे से गंजा था। ग्राहक ने पूछा,”यह चित्र किसका है?

दुकानदार बोला “अवसर का”। ग्राहक ने पूछा, “इसका चेहरा बालों से ढका क्यों है?” दुकानदार ने कहा क्योंकि अक्सर जब अवसर आता है तो मनुष्य उसे पहचान नहीं पाता। ग्राहक ने पूछा, “इसके पैरों मे पंख क्यो हैं?” दुकानदार बोला,”वह इसलिए कि यह तुरंत वापस भाग जाता है, यदि इसका उपयोग न हो तो यह तुरंत उड़ जाता है। ग्राहक ने पूछा और यह दूसरे चित्र मे पीछे से गंजा सिर किसका है?

दुकानदार बोला, “यह भी अवसर का है। यदि अवसर को सामने से ही बालों से पकड़ लेंगे तो वह आपका है। अगर आपने उसे थोड़ी देरी से पकड़ने की कोशिश की तो पीछे का गंजा सिर हाथ आएगा और वो फिसलकर निकल जाएगा। ग्राहक चित्रों का रहस्य जानकर हैरान लेकिन संतुष्ट था।

कई बार दूसरों को ये कहते हुए सुना होगा या खुद भी कहा होगा कि हमे अवसर ही नहीं मिला। लेकिन ये अपनी जिम्मेदारी से भागने और अपनी गलती को छुपाने का बस एक बहाना है। भगवान ने हमें ढेरों अवसरों के बीच जन्म दिया है। अवसर हमेशा हमारे सामने से आते-जाते रहते हंै पर हम उसे पहचान नही पाते हैं।

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