खैर, खून, खांसी, खुशी, बैर, प्रीति, मदपान।
रहिमन दाबे न दबै, जानत सकल जहान।।
खून… अगर आप कत्ल करते हैं तो यह गुनाह एक दिन जरूर पकड़ा जाएगा। आप लाख छुपाने की कोशिश कर लें, आज नहीं तो कल आप पकड़े जाएंगे। खांसी… रहीम के दोहे के अनुसार, जब इंसान को खांसी होती है तो उसके बारे में सभी लोगों को पता चल जाता है। आप खांसी छुपा नहीं सकते हैं।
खुशी… इंसना जब खुश होता है तो उसकी खुशी उसके चेहरे पर साफ झलकती है। यही कारण है कि आप खुशी को लाख छुपाने की कोशिश करें लेकिन इसके भाव को आप ज्यादा देर तक छुपा नहीं सकते हैं।
बैर… रहीम कहते हैं कि अगर आप किसी को पसंद नहीं करते हैं और उसके प्रति आपके मन में बैर भाव है तो ये बात बहुत दिनों तक उस व्यक्ति से नहीं छुपती है।
प्रीति… जब इंसान को प्रेम होता है तो वह इस भाव को चाहकर भी छुपा नहीं पाता है। कहा जाता है कि प्रेम एक ऐसी चीज है, जिसको लाख कोशिशों के बाद भी छुपाया नहीं जा सकता है।
मदपान… जो लोग नशा करते हैं, वो इस बात को ज्यादा दिन तक छुपाकर नहीं रख सकते। ये बात उसके आप-पास रहने वाले लोगों को पता चल ही जाता है। चाहे वो छुपाने की लाख कोशिश क्यों न करे।