ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु एक अशुभ मगर अत्यधिक ताकतवर ग्रह है, यहां तक की ये देव सेनापति मंगल के साथ बैठने पर उसका प्रभाव तक शून्य कर देता है।ज्योतिष में राहु ग्रह को एक पापी ग्रह है। वहीं वैदिक ज्योतिष में राहु ग्रह को कठोर वाणी, जुआ, यात्राएं, चोरी, दुष्ट कर्म, त्वचा के रोग, धार्मिक यात्राएं आदि का कारक माना जाता हैं।
माना जाता है कि जिस व्यक्ति की जन्म पत्रिका में राहु अशुभ स्थान पर बैठा हो, अथवा पीड़ित हो तो यह जातक को इसके नकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। ज्योतिष में राहु ग्रह को किसी भी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है। लेकिन मिथुन राशि में यह उच्च होता है और धनु राशि में यह नीच भाव में होता है।
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राहु के स्वभाव के कारण उसे को पापी ग्रह कहा जाता है। आमतौर पर कुंडली में राहु का नाम सुनते ही लोगों के मन में भय उत्पन्न हो जाता है। परंतु राहु कुंडली में शुभ होने पर शुभ फल भी देता है। इसके शुभ फल से व्यक्ति धनवान और राजयोग का सुख भी प्राप्त करता है।राहु का गोचर आपकी राशि से दूसरे भाव में रहेगा, इस समय आपको अपने खर्चे और वाणी पर काबू रखना होगा। यह आपको कुछ शुभ परिणामकारी भी देगा। कई क्षेत्रों में आपको शानदार परिणाम मिलने की संभावना है। इसके प्रभाव से आपके साहस में वृद्धि होगी। लेकिन वैवाहिक जीवन में आप असमंजस की स्थिति में रहेंगे। कुल मिलाकर ये गोचर आपके लिए मिलाजुला रहेगा।
2. वृषभ राशि :
राहु का गोचर आपकी ही राशि में होगा, इस गोचर के दौरान आप किसी तरह की ग़लतफ़हमी के शिकार हो सकते है और बिना बात का मानसिक तनाव भी बना रहेगा।गोचर के प्रभाव से आपका आर्थिक जीवन प्रभावित होने के साथ ही परिवार में कलह की स्थिति भी पैदा हो सकती है। इस समय हर बात सोच समझ कर ही बोलें।
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3. मिथुन राशि :
यह गोचर विदेश यात्रा के लिए शुभ रहेगा परंतु अत्यधिक ख़र्चों के लिए बेहतर नहीं रहेगा। इसके कारण आपको शारीरिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान आपको निर्णय लेने में कठिनाई होगी। साथ ही आपको अपनी सेहत पर ध्यान रखना होगा।
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राहु का गोचर आपकी राशि से एकादश भाव में होगा। यह समय आर्थिक स्थिति के लिए बहुत बेहतर रहेगा। आपके धन से जुड़े सपने पूर्ण होने के साथ ही आपकी समाज में नई पहचान बनेगी। व्यवसाय को लेकर नये प्रोजेक्ट मिलेंगे जिसमें आपने ईमानदारी से ही कार्य करना है। इस समय रुका हुआ धन वापस मिल सकता है। लेकिन आपको हर काम में सावधानी रखनी होगी।
आपकी राशि से दशम भाव में राहु गोचर करेगा। इस समय में आप कार्य को लेकर कुछ भ्रम की अवस्था में आ सकते हैं। लेकिन, राहु का ये गोचर आपकी आमदनी में इजाफा कर सकता है। राहु के शुभ प्रभाव से आपको अपने कार्यक्षेत्र में उपलब्धि मिलने की भी संभावना है।
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इस गोचर में राहु आपसे नवम भाव पर रहेंगे। इसके चलते आपकी आध्यात्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी और धार्मिक यात्राओं का भी संयोग बनेगा। पिता के साथ किसी प्रकार के मतभेद से बचें और उनकी सेहत का भी ध्यान रखें। कार्यक्षेत्र में बनते काम बिगड़ सकते हैं। अध्यात्म के क्षेत्र में रुचि बढ़ेगी। आपको कार्यक्षेत्र में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें। आपके नैतिक मूल्यों का पतन हो सकता है। गोचर होने से अचानक किसी शोध में रुचि होगी विदेश जाने का अवसर प्राप्त होगा।आपको भाग्य की बजाय अपनी मेहनत पर ही भरोसा करना होगा।
राहु का गोचर सप्तम भाव में होने से इस समय से आप अपने वैवाहिक जीवन को लेकर तनाव में रहेंगे, किसी प्रकार की ग़लतफ़हमी की वज़ह से आपसी दूरी हो सकती है। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें।
इस समय राहु का गोचर धनु राशि से छठे भाव में वृषभ राशि में होगा। इस भाव में राहु बहुत शुभ फल देता है और शत्रुओं पर विजय देता है। कोर्ट कचहरी में कोई केस चल रहा था तो यह राहु आपको जीत दिलाएगा। स्वास्थ्य का खास ख्याल रखना होगा।
इस समय राहु का गोचर पंचम भाव में होने से सोच में भ्रम सा महसूस करेंगे और निर्णय लेने में खुद को कमज़ोर महसूस करेंगे। संतान के साथ किसी ग़लतफ़हमी की वज़ह से तनाव हो सकता है। दिमाग में कई तरह के विचार आएंगे, लेकिन फैसला सोच समझकर व किसी जानकार की सलाह पर ही लें।
सुख में कमी के साथ ही पारिवारिक जीवन से थोड़ी असंतुष्टि हो सकती है। वहीं आपको अति व्यस्तता के चलते परिवार से दूर जाना पड़ सकता है। ऐसे में अपने परिवार को अपना पूरा समय दें जिससे आप के बीच में प्रेम बना रहे। आपनी मां की सेहत का खास ध्यान रखें।
राहु का यह गोचर आपकी सभी परेशानियों को दूर करेगा और उत्साह व आत्मबल बढ़ाएगा। यह समय नया काम करने के लिए भी उत्तम रहेगा। इस दौरान आपको धैर्य से काम लेना होगा। भाई बहनों से लगातार संपर्क में रहें और किसी भी तरीके के टकराव या बहस से दूर रहें।