चतुर्थी तिथि प्रारंभ 21 जनवरी को सुबह 08:51 AM बजे से
चतुर्थी तिथि समाप्त 22 जनवरी को सुबह 09:14 AM बजे तक
चंद्रोदय समय रात 9 बजे सकट चौथ की पूजा सामग्री:
-गणेश जी की स्थापना करने के लिए एक लकड़ी की चौकी ।
-चौकी पर बिछाने के लिए पीला कपड़ा।
-गंगाजल, लाल और पीले फूल।
-दूर्वा की 21 गांठ और मोदक।
-तिल के लड्डू, तिलकुट, तिल की खीर या अन्य पकवान।
– चंदन, रोली, सुपारी, रक्षासूत्र, पान का पत्ता, इत्र, अक्षत्, हल्दी, अगरबत्ती, धूप, दीपक, गाय का घी, दही आदि।
-कलश और उसे ढकने के लिए ढक्कन, आम का पत्ता, गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर।
-मौसमी फल, चंद्रमा को अर्पित करने के लिए गाय का दूध, सकट चौथ व्रत कथा पुस्तक।
-पूजा के बाद पारण के लिए फल, मिठाई आदि।
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संकष्टी पर कैसे करें गणेश जी की पूजा:-सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
-स्नान के बाद गणपति की पूजा की तैयारी करें।
-गणेश जी मूर्ति के नीचे पीले रंग का साफ वस्त्र बिछाएं।
-मूर्ति को फूलों से सजा लें।
-पूजा में तिल, गुड़, लड्डू, फल, फूल, ताम्बे के कलश में पानी, धुप, चन्दन, केला और नारियल रख लें।
-गणेश जी को रोली लगाएं। उन्हें फूल और जल अर्पित करें।
-सकट चौथ के दिन गणपति को लड्डू और मोदक का भोग लगाएं।
-गणेश जी के मंत्रों का जाप करें।
-शाम के समय चांद निकलने से पहले गणपति की पूजा करें और संकष्टी चतुर्थी व्रत की कथा सुनें।
-पूजा समाप्त होने के बाद चांद के दर्शन करके व्रत खोल लें।