गणेश जी की आरती (Ganesh Aarti):
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय…
एक दंत दयावंत चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय…
हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥ जय…
‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ जय…
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय…
एक दंत दयावंत चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय…
हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥ जय…
‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥ जय…
गणेश जी के मंत्र: गणेश जी की पूजा के समय ओम गं गणपतये नमः, ओम वक्रतुण्डाय नम:, ओम एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात, श्रीगणेशाय नम: और ओम वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ:, निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा. मंत्रों का जाप कर सकते हैं। ये सभी मंत्र गणेश जी के सबसे प्रभावशाली मंत्र माने जाते हैं।
चंद्रमा को अर्घ्य देकर खोला जाता है ये व्रत: सकट चौथ पर महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। ये व्रत सूर्योदय से शुरू हो जाता है और रात में चंद्रमा के निकलने तक रहता है। 21 जनवरी 2022 को चांद रात में 9 बजे निकलेगा। चांद निकलने से पहले ही सकट चौथ की पूजा कर लें। फिर चंद्रमा को अर्घ्य देकर तिल के लड्डू का सेवन कर व्रत खोल लें।
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