शव यात्रा देखकर ऐसा करने से पूरी होती है हर मनोकामना
Published: Nov 29, 2016 05:24:00 pm
जन्म और मृत्यु दो ऐसे अध्याय हैं, जो एक-दूसरे पर पूर्ण रूप से निर्भर
हैं। और कुछ सत्य हो ना हो लेकिन जीवन के ये दो पड़ाव अटल परिस्थितियां हैं
जिन्हें किसी भी रूप में टाला नहीं जा सकता..
shav yatra dekh karen ye kaam, poori hogi manokamna
जन्म और मृत्यु दो ऐसे अध्याय हैं, जो एक-दूसरे पर पूर्ण रूप से निर्भर हैं। और कुछ सत्य हो ना हो लेकिन जीवन के ये दो पड़ाव अटल परिस्थितियां हैं जिन्हें किसी भी रूप में टाला नहीं जा सकता।
भगवत गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं कि है कि मृत्यु एक ऐसा सत्य है जिसे टाला नहीं जा सकता। जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु तय है। कोई भी एेसा इंसान या जानवर नहीं है जिसने जन्म लिया हो और कभी मरा ना हो। जो अाया है उसे एक ना एक दिन जाना ही होगा। मृत्यु के बाद आत्मा का पुनर्जन्म लेना भी उतना ही सत्य है। मगर, क्या आप जानते हैं कि शवयात्रा को देखकर आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
जब शव यात्रा दिखे तो उसे देखकर एेसे करें-
करें प्रणाम:
आपने देखा होगा कि जब भी कोई शवयात्रा निकलती है तो मार्ग में आने वाले व्यक्ति उसे देखकर प्रणाम करते हैं और शिव-शिव का उच्चारण करते हैं। इसके पीछे शास्त्रोक्त मान्यता यह है कि जिस मृतात्मा ने शरीर छोड़ा है, वह अपने साथ उस प्रणाम करने वाले व्यक्ति के सभी कष्टों, दुखों और अशुभ लक्षणों को ले जाती है। इसके साथ ही उस मृत व्यक्ति को ‘शिव’ यानि मुक्ति मिले। ये नियम ऐसे हैं जिन्हें अपनाने से व्यक्ति को लाभ की प्राप्ति तो होती ही है और भटक रही आत्मा को शांति भी मिलती है।
मृत आत्मा की शांति के लिए करें प्रार्थना:
मनुस्मृति के अनुसार किसी भी व्यक्ति के शव को ले जाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि मार्ग में गांव जरूर पड़े।
शव यात्रा को देखकर वहां से गुजरने वाले लोग थोड़ी देर ठहर जाते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते है। यह हिन्दू धर्म का एक प्रमुख नियम है, जिसके अनुसार शवयात्रा को देखने के बाद हमें मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। इससे मृत आत्मा को शांति मिलती है।
रुके हुए कार्य होते हैं पूरे:
धार्मिक दृष्टिकोण के अलावा ज्योतिष की भाषा में भी शवयात्रा देखना शुभ बताया गया है। मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति शव यात्रा को देखता है, तो उसके रुके काम पूरे होने की संभावनाएं बन जाती है। उसके जीवन से दुख भी दूर होते हैं और उसकी मनोकामना पूर्ण होती है।
अर्थी उठाने से मिलता है लाभ:
पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति ब्राह्मण की अर्थी उठाता है, उसे अपने हर कदम पर एक यज्ञ के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। मात्र पानी में डुबकी लगाने से ही उसका शरीर पवित्र माना जाता है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार यदि कोई ब्राह्मण किसी अन्य ब्राह्मण के शव को अपने स्वार्थ या पैसों के लिए उठाता है, तो 10 दिनों तक वह अशुद्ध रहता है।