scriptउज्जैन में 10 से 18 फरवरी तक मनेगी शिव नवरात्रि, बाबा महाकाल बनेंगे दूल्हा | Shiva Navratri Ujjain from February 10 to 18 Baba Mahakal groom to be | Patrika News

उज्जैन में 10 से 18 फरवरी तक मनेगी शिव नवरात्रि, बाबा महाकाल बनेंगे दूल्हा

Published: Feb 02, 2023 10:41:08 am

Submitted by:

Pravin Pandey

विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर (Jyotirlinga Lord Mahakaleshwar Temple) में हर साल की तरह इस वर्ष भी फाल्गुन कृष्ण पंचमी से यानी 10 से 18 फरवरी (February 10 to 18) तक शिवनवरात्रि पर्व (shivnavratri festival) मनाया जाएगा।

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shivnavratri festival

उज्जैन में शिव नवरात्रि की शुरुआत 10 फरवरी से होगी और 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर इसका समापन होगा। इस दौरान भगवान महाकाल दूल्हा बनेंगे और नौ दिन नवश्रृंगार से भक्तों का मन मोहेंगे।

शिवनवरात्रि और महाशिवरात्रि (Mahashivratri Ujjain) को लेकर मंदिर में विशेष तैयारियां की जा रहीं हैं। रविवार को मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर साफ सफाई, रंगरोगन तथा श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर किए जाने वाले इंतजामों पर चर्चा की।

सोनी ने बताया कि ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल की पूजन परंपरा के अनुसार 10 फरवरी को शिवनवरात्रि के पहले दिन शिवपंचमी का पूजन (Shiv Panchami Puja) होगा। सर्वप्रथम कोटितीर्थ कुंड के समीप स्थित श्री कोटेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना कर हल्दी चढ़ाई जाएगी।

इसके बाद गर्भगृह में भगवान महाकाल की पूजा होगी। तत्पश्चात् पुजारी भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक कर पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद 11 ब्राह्मणों द्वारा रूद्रपाठ किया जाएगा। दोपहर एक बजे भोग आरती होगी। दोपहर तीन बजे संध्या पूजा के बाद भगवान का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। नौ दिन तक पूजन का यही क्रम रहेगा।

पहला दिन : भगवान महाकाल का चंदन श्रृंगार होगा। इसका बाद सोला एवं दुपट्टा धारण कराया जाएगा। मुकुट, मुंडमाला, छत्र आदि आभूषण पहनाए जाएंगे।
दूसरा दिन : शेषनाग श्रृंगार होगा।


तीसरा दिन : घटाटोप श्रृंगार होगा।
चौथा दिन : छबीना श्रृंगार होगा।
पांचवां दिन : होलकर रूप में श्रृंगार होगा।

छठा दिन : मन महेश रूप में श्रृंगार होगा।
सातवां दिन : उमा महेश रूप में श्रृंगार होगा।
आठवां दिन : शिव तांडव रूप में श्रृंगार होगा।


महाशिवरात्रि : सप्तधान रूप में श्रृंगार कर शीश पर फूल व फलों से बना मुकुट सजाया जाएगा।

आरती-पूजन का समय बदलेगा


महाकाल मंदिर में प्रतिदिन सुबह 10 बजे भोग आरती और शाम को पांच बजे संध्या पूजा होती है। शिवनवरात्रि के नौ दिन पूजन का विशेष क्रम होने से भोग आरती दोपहर एक बजे तथा संध्या पूजा दोपहर तीन बजे होगी। महाशिवरात्रि पर 18 फरवरी को मंदिर प्रबंध समिति ने 250 रुपये की शीघ्र दर्शन व्यवस्था बंद रखने का निर्णय लिया है।
स्थानीय के साथ ही देश-विदेश से आने वाले भक्तों को केवल समान्य दर्शन कराए जाएंगे। चारधाम मंदिर से त्रिवेणी संग्रहालय के रास्ते श्री महाकाल महालोक होते हुए भक्तों को मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।
https://youtu.be/LSsOklUrbt4
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