सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल को 12 बजे (1 मई) के करीब शुरू होगा। जानिए साल के पहले सूर्य ग्रहण से जुड़ी हर एक जानकारी यहां।
नई दिल्ली
Updated: April 30, 2022 10:32:31 pm
Surya Grahan 2022: आज रात कितने बजे से लग रहा है ग्रहण, आपके ऊपर ग्रहण का कैसा पड़ेगा प्रभाव, सबकुछ जानें यहां
इस राशि वालों को जबरदस्त मुनाफा होने के आसार रहेंगे। साझेदारी के काम में विशेष लाभ प्राप्त होगा। नए मार्ग से भी धन प्राप्त हो सकते हैं। इस अवधि में आप धन का संचय करने में सफल रहेंगे। प्रेम संबंधों के लिहाज से भी समय अनुकूल साबित होगा।
-ग्रहण के दौरान नाखून काटना, कंघी करने की मनाही होती है।
-शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने से उसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में इस दौरान भोजन करने की भी मनाही होती है।
-इसके अलावा इस दौरान काटने-छीलने का काम भी न करें।
-ग्रहण के समय सोना भी नहीं चाहिए। साथ ही सुई में धागा भी डालने की मनाही की गई है।
-ग्रहण के दौरान यात्रा करने से भी बचना चाहिए।
नकारात्मक शक्तियों का नाश करने के लिए इस मंत्र का ग्रहण के दौरान जाप करें-
ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभ
जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।
धन लाभ के लिए इस मंत्र को जपें-
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये
प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:
बुरी शक्तियों के नाश के लिए इस मंत्र का जाप करें-
विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥
ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम् । रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम् ॥॥
दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् । उपगम्याब्रवीद् राममगस्त्यो भगवांस्तदा ॥॥
राम राम महाबाहो श्रृणु गुह्मं सनातनम् । येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसे ॥॥
आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम् । जयावहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम् ॥॥
सर्वमंगलमागल्यं सर्वपापप्रणाशनम् । चिन्ताशोकप्रशमनमायुर्वर्धनमुत्तमम् ॥॥
रश्मिमन्तं समुद्यन्तं देवासुरनमस्कृतम् । पुजयस्व विवस्वन्तं भास्करं भुवनेश्वरम् ॥॥
सर्वदेवात्मको ह्येष तेजस्वी रश्मिभावन: । एष देवासुरगणांल्लोकान् पाति गभस्तिभि: ॥॥
एष ब्रह्मा च विष्णुश्च शिव: स्कन्द: प्रजापति: । महेन्द्रो धनद: कालो यम: सोमो ह्यापां पतिः ॥॥
पितरो वसव: साध्या अश्विनौ मरुतो मनु: । वायुर्वहिन: प्रजा प्राण ऋतुकर्ता प्रभाकर: ॥॥
आदित्य: सविता सूर्य: खग: पूषा गभस्तिमान् । सुवर्णसदृशो भानुर्हिरण्यरेता दिवाकर: ॥॥
हरिदश्व: सहस्त्रार्चि: सप्तसप्तिर्मरीचिमान् । तिमिरोन्मथन: शम्भुस्त्वष्टा मार्तण्डकोंऽशुमान् ॥॥
हिरण्यगर्भ: शिशिरस्तपनोऽहस्करो रवि: । अग्निगर्भोऽदिते: पुत्रः शंखः शिशिरनाशन: ॥॥
व्योमनाथस्तमोभेदी ऋग्यजु:सामपारग: । घनवृष्टिरपां मित्रो विन्ध्यवीथीप्लवंगमः ॥॥
आतपी मण्डली मृत्यु: पिगंल: सर्वतापन:। कविर्विश्वो महातेजा: रक्त:सर्वभवोद् भव: ॥॥
नक्षत्रग्रहताराणामधिपो विश्वभावन: । तेजसामपि तेजस्वी द्वादशात्मन् नमोऽस्तु ते ॥॥
नम: पूर्वाय गिरये पश्चिमायाद्रये नम: । ज्योतिर्गणानां पतये दिनाधिपतये नम: ॥॥
जयाय जयभद्राय हर्यश्वाय नमो नम: । नमो नम: सहस्त्रांशो आदित्याय नमो नम: ॥॥
नम उग्राय वीराय सारंगाय नमो नम: । नम: पद्मप्रबोधाय प्रचण्डाय नमोऽस्तु ते ॥॥
ब्रह्मेशानाच्युतेशाय सुरायादित्यवर्चसे । भास्वते सर्वभक्षाय रौद्राय वपुषे नम: ॥॥
तमोघ्नाय हिमघ्नाय शत्रुघ्नायामितात्मने । कृतघ्नघ्नाय देवाय ज्योतिषां पतये नम: ॥॥
तप्तचामीकराभाय हरये विश्वकर्मणे । नमस्तमोऽभिनिघ्नाय रुचये लोकसाक्षिणे ॥॥
नाशयत्येष वै भूतं तमेष सृजति प्रभु: । पायत्येष तपत्येष वर्षत्येष गभस्तिभि: ॥॥
एष सुप्तेषु जागर्ति भूतेषु परिनिष्ठित: । एष चैवाग्निहोत्रं च फलं चैवाग्निहोत्रिणाम् ॥॥
देवाश्च क्रतवश्चैव क्रतुनां फलमेव च । यानि कृत्यानि लोकेषु सर्वेषु परमं प्रभु: ॥॥
एनमापत्सु कृच्छ्रेषु कान्तारेषु भयेषु च । कीर्तयन् पुरुष: कश्चिन्नावसीदति राघव ॥॥
पूजयस्वैनमेकाग्रो देवदेवं जगप्ततिम् । एतत्त्रिगुणितं जप्त्वा युद्धेषु विजयिष्यसि ॥॥
अस्मिन् क्षणे महाबाहो रावणं त्वं जहिष्यसि । एवमुक्ता ततोऽगस्त्यो जगाम स यथागतम् ॥॥
एतच्छ्रुत्वा महातेजा नष्टशोकोऽभवत् तदा ॥ धारयामास सुप्रीतो राघव प्रयतात्मवान् ॥॥
आदित्यं प्रेक्ष्य जप्त्वेदं परं हर्षमवाप्तवान् । त्रिराचम्य शूचिर्भूत्वा धनुरादाय वीर्यवान् ॥॥
रावणं प्रेक्ष्य हृष्टात्मा जयार्थं समुपागतम् । सर्वयत्नेन महता वृतस्तस्य वधेऽभवत् ॥॥
अथ रविरवदन्निरीक्ष्य रामं मुदितमना: परमं प्रहृष्यमाण: । निशिचरपतिसंक्षयं विदित्वा सुरगणमध्यगतो वचस्त्वरेति ॥॥
।।संपूर्ण ।।
सूर्यग्रहण को यूट्यूब चैनलों पर लाइव देखा जा सकता है. ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग करने के लिए Virtual Telescop, Timeanddate, CosmoSapiens चैनल प्रसिद्ध हैं।
सूर्य के ठीक 15 दिन बाद साल का पहला चंद्र ग्रहण लगेगा। सूर्य ग्रहण की तरह ही ये चंद्र ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
ये सूर्यग्रहण मिथुन वालों के लिए शुभ साबित होगा। आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलेगा। अटका हुआ धन प्राप्त हो सकता है। मन खुश रहेगा। आपकी महत्वाकांक्षाओं पूरी होंगी। निवेश से अच्छा लाभ प्राप्त करने में सफल रहेंगे।
जिन क्षेत्रों में सूर्य ग्रहण दिखाई देगा, वहां पर गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से अपना ध्यान रखना होगा और ग्रहण काल में बरती जाने वाली सावधानियों पर पूरा ध्यान देना होगा। ऐसा माना जाता है कि यदि इस दौरान सावधानी न बरती जाए तो इसका दुष्प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है। इसलिए कुछ विशेष कार्य होते हैं, जिन्हें गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान नहीं करना चाहिए। इन विशेष कार्यों में सिलाई, बुनना, सिलना, कढ़ाई, काटना आदि कार्य शामिल हैं। इस दौरान घर से बाहर भी नहीं निकलना चाहिए।
पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्य ग्रहण और चंद्रग्रहण की घटना को राहु-केतु के द्वारा ग्रास करने के तौर पर देखा जाता है। कथा के अनुसार जब समुद्र मंथन से निकले अमृत को भगवान विष्णु मोहिनी का रूप धारण कर सभी देवताओं को पिला रहे तभी राहु और केतु को इस बात का पता चल गया कि भगवान विष्णु सिर्फ देवताओं को ही अमृतपान करा रहे हैं। तब दोनों पापी ग्रहों ने चुपके से देवताओं की पंक्ति में जाकर अमृतपान कर लिया था। राहु-केतु को ऐसा करते चंद्रमा और सूर्य देव ने देख लिया। यह बात जैसे ही भगवान विष्णु को पता चली तो उन्होंने तुरंत ही अपने सुदर्शन चक्र से राक्षस का सिर धड़ से अलग कर दिया। तभी से राहु और केतु समय-समय पर सूर्य और चंद्रमा पर ग्रहण लगाते आ रहे हैं।
चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दे रहा है लेकिन इस खगोलीय घटना में दिलचस्पी रखने वाले लोग इसे ऑनलाइन यूट्यूब पर देख सकेंगे। कई चैनल यूट्यूब पर ग्रहण को लाइव प्रसारण किया जाता है।
सूर्य ग्रहण का सभी 12 राशियों पर असर पड़ेगा। किसी पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा तो किसी पर बुरा। सूर्य ग्रहण मेष राशि में लग रहा है। इसलिए इस राशि के लोगों पर इस ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। ग्रहण का राशियों पर प्रभाव देखने के लिए यहां क्लिक करें
यह सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका के अतिरिक्त अटलांटिक क्षेत्र, प्रशांत महासागर और दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी पश्चिमी भागों में दिखाई देगा। भारत के लोग इस ग्रहण को नहीं देख पाएंगे।
30 अप्रैल 2022 को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण का सूतक नहीं लगेगा। क्योंकि ये ग्रहण भारत में नहीम दिखाई दे रहा है। सूतक उसी ग्रहण का मान्य होता है जो ग्रहण अपने यहां दिखाई दे। सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है।
-मेष राशि अथवा भरणी नक्षत्र में जन्मे लोगों को विशेष रूप से सूर्य और मंगल ग्रहों का मंत्र जाप करना चाहिए।
-ग्रहण काल में दान करना फलदायी बताया जाता है।
-यदि आपकी कुंडली में सूर्य ग्रह शुभ फलदायक है तो आपको इस दौरान सूर्य अष्टक स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
-ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का नियमित पाठ करें।
ग्रहण से जुड़े मिथकों के अनुसार कहा जाता है कि सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। क्योंकि इसका प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चों पर पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में बच्चे बीमारियों के साथ पैदा हो सकते हैं। यूं तो इस सिद्धांत का कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है लेकिन फिर भी लोग इस बात पर बहुत ज्यादा विश्वास करते हैं।
साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण आंशिक ग्रहण होगा। सूर्य अपनी कक्षा में भ्रमण करता रहता है लेकिन जब इस प्रक्रिया में सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्र आ जाता है तो सूर्य धरती से नहीं दिखाई देता इसे ही सूर्य ग्रहण कहते हैं। आंशिक सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा सूर्य की कुछ ही किरणों को धरती पर आने से रोक पाता है।
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