scriptमहाभारत के समय के ऐसे 3 श्राप, जिनका असर आज भी लोगों पर पड़ता है | The Mahabharata has 3 such curses of time which affects people today | Patrika News

महाभारत के समय के ऐसे 3 श्राप, जिनका असर आज भी लोगों पर पड़ता है

locationनई दिल्लीPublished: Dec 05, 2017 04:31:16 pm

Submitted by:

Ravi Gupta

इन 3 श्रापों के बारे में बता रहे हैं जिसके प्रभाव आज भी हमारी जिंदगी पर पड़ता है।

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युधिश्ठिर ने दिया था सभी स्त्रियों को यह श्राप..
महाभारत के अनुसार जब युद्ध समाप्त हुआ तो माता कुंती ने पांडवों के पास जाकर उन्हें यह रहस्य बताया कि कर्ण उनका भाई था। सभी पांडव इस बात को सुनकर दुखी हुए। युधिश्ठिर ने विधि विधान पूर्वक कर्ण का अंतिम संस्कार किया। उसके बाद वह माता कुंती की तरफ गए। जिसके बाद उन्होंने माता कुंती को यह श्राप दे दिया कि आज से कोई भी स्त्री किसी भी गोपनीय बात का रहस्य नहीं छुपा पाएगी।
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श्रंगी ऋषि का परिक्षित को श्राप
जब पांडवों ने स्वर्ग लोक की ओर प्रस्थान किया तो सारा राज्य अभिमन्यु के पुत्र परिक्षित को सौंप दिया। राजा परिक्षित के शासन काल में सभी प्रजा सुखी थी। एक बार राजा परिक्षित वन में खेलने को गए तभी वहां उन्हें शमिक नाम के ऋषि दिखाई दिए। वह अपनी तपस्या में लीन थे, उन्होंने मौन व्रत धारण कर रखा था। जब राजा ने उनसे कई बार बोलने का प्रयास करते हुए भी उन्हें मौन पाया तो क्रोध में आकर उन्होंने ऋषि के गले में मरा हुआ सांप डाल दिया। जब यह बात ऋषि शमिप के पुत्र को पता चली तो उन्होंने राजा परिक्षित को श्राप दिया कि आज से 7 दिन बाद राजा परिक्षित की मृत्यु तक्षित सांप के डसने से हो जाएगी। राजा परिक्षित के जीवित रहते कलयुग में इतना साहस नहीं था कि वह हावी हो सके परंतु उनकी मृत्यु के बाद कलयुग पृथ्वी पर हावी हो गया।
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श्रीकृष्ण का अश्वत्थामा को श्राप
महाभारत के युद्ध में जब अश्वत्थामा ने धोखे से पांडव पुत्र का वध कर दिया तब पांडव भगवान श्रीकृष्ण के साथ अश्वत्थामा का पीछा करते हुए महर्षि वेदव्यास के आश्रम पहुंच गए। तो अश्वत्थामा ने ब्रह्मास्त्र से पांडवों पर वार किया। यह देख अर्जुन ने भी अपना ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल किया। महर्षि वेदव्यास ने दोनों अस्त्रों को टकराने से रोक लिया। और अश्वत्थामा और अर्जुन से अपने-अपने ब्रह्मास्त्र वापिस मांगे। तब अर्जुन ने अपना ब्रह्मास्त्र वापिस ले लिया। लेकिन अश्वत्थामा यह विद्या नहीं जानता था। इसलिए उसने अपने शस्त्र की दिशा बदलकर अभिमन्यु की पत्नी उतरा के गर्भ की ओर कर दी। यह देख भगवान श्रीकृष्ण ने अश्वत्थामा को श्राप दिया कि तुम 3000 वर्ष इस पृथ्वी पर भटकते रहोगे। और किसी भी जगह किसी भी पुरुष के साथ तुम्हारी बातचीत नहीं हो सकेगी। इसलिए तुम मनुष्यों के बीच नहीं रह सकोगे। दुर्गम वन में ही पड़े रहोगे।
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