scriptमकर संक्रांति के दिन बन रहा दुर्लभ संयोग, इन पूजन विधियों का जीवन पर पड़ेगा शुभ असर | The rare coincidence of Makar Sankranti 2018 | Patrika News

मकर संक्रांति के दिन बन रहा दुर्लभ संयोग, इन पूजन विधियों का जीवन पर पड़ेगा शुभ असर

locationनई दिल्लीPublished: Jan 10, 2018 08:34:05 am

Submitted by:

Priya Singh

पंजाब में माघी, उत्तर प्रदेश में खिचड़ी, गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण के नाम से मकर संक्रांति त्यौहार बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है।

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नई दिल्ली। पंजाब में माघी, उत्तर प्रदेश में खिचड़ी, गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण के नाम से मकर संक्रांति त्यौहार बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। यह अन्य-अन्य शहरों और रज्यों में अलग-अलग प्रकार से मनाया जाता है। मकर संक्रांति जनवरी 2018 का त्‍योहार दो दिन मनाया जाएगा पहला दिन 14 जनवरी और 15 जनवरी। मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2018 को मनेगा लेकिन इसका पुण्यकाल 15 जनवरी 2018 को पड़ रहा है। प्रत्‍येक राज्‍य में इसे मनाने का तरीका अलग भले ही हो, लेकिन सब जगह सूर्य की उपासना जरूर की जाती है।
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लगभग 80 साल पहले उन दिनों के पंचांगों के अनुसार मकर संक्रांति 12 या 13 जनवरी को मनाई जाती थी, लेकिन अब विशुवतों के अग्रगमन के चलते इसे 13 या 14 जनवरी को मनाया जाता है। साल 2018 में इसे 14 जनवरी को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति ही एक ऐसा पर्व है जिसका निर्धारण सूर्य की गति के अनुसार होता है। पौष मास में जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो उस काल विशेष को ही संक्रांति कहते हैं।
मकर संक्रांति का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, दक्षिणायण को देवताओं की रात्रि अर्थात नकारात्मकता का प्रतीक तथा उत्तरायण को देवताओं का दिन अर्थात सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। इसीलिए इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध , तर्पण आदि धार्मिक क्रियाकलापों का विशेष महत्व है। ऐसी धारणा है कि इस अवसर पर दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुन: प्राप्त होता है। इस दिन शुद्ध घी एवं कम्बल का दान मोक्ष की प्राप्ति करवाता है|
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मकर संक्रांति की पूजन विधि

1-भविष्यपुराण के अनुसार सूर्य के उत्तरायण के दिन संक्रांति व्रत करना चाहिए।

2-तिल को पानी में मिलाकार स्नान करना चाहिए।

3-अगर संभव हो सके तो गंगा स्नान करना चाहिए।
4-इस दिन तीर्थ स्थान या पवित्र नदियों में स्नान करने का अपना ही महत्व है।

5-इसके बाद भगवान सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

6-मकर संक्रांति पर अपने पितरों का ध्यान और उन्हें तर्पण जरूर देना चाहिए।
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