ऐसा करने के पीछ तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम ने ये तर्क दिया है कि तिरूमाला तिरूपति किसी ऐसे व्यक्ति को मंदिर में आने की इज़ाज़त नहीं देता जो कि भगवान में विश्वास ही न करता हो। इसके लिए काम करने से पहले उन्हें एक घोषणापत्र में हस्ताक्षर करना पड़ता था कि उनका भगवान बालाजी पर पूरा विश्वास है। तिरूपति तिरूमाला देवस्थानाम के सर्तकता और प्रवर्तन प्रमुख रवि कृष्णा ने अभी कुछ दिनों पहले ही एक रिपोर्ट जारी कर ये बताया कि मंदिर में अभी 44 गैर हिंदू पुरूष और महिलाएं काम करती है।
इनमें से 39 कर्मचारियों को साल 1989 से 2007 के बीच नियुक्त कर मंदिर में काम करने के लिए रखा गया था लेकिन अब इस प्रबंधन संस्थान की ये योजना है कि इन्हें यहां से हटाकर आंध्र प्रदेश सरकार के अन्य विभागों में नौकरी दी जाएगी। आपकी जानकारी के लिए ये बता दें कि यहां पर काम करने वाली एक महिला का चर्च में जाकर प्रेयर करने का वीडियों सबके सामने आने पर मंदिर में कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर सख्ती बरती गई। अब देखने वाली बात ये है कि इस बात का सर्मथन आने वाले समय में कितने लोग करते है और कितने इसे मानने से कतराते है।