योग:
शूल नामक योग दोपहर 12.28 तक, इसके बाद गंड नामक योग है। दोनों ही नैसर्गिक अशुभ योग है। गंड नामक योग की प्रथम 6 घटी शुभ कार्यों में त्याज्य हैं। विशिष्ट योग: दोष समूह नाशक रवियोग नामक शक्तिशाली शुभ योग प्रात: 8.39 से प्रारम्भ, जो सम्पूर्ण दिवारात्रि है।
राहुकाल:
दोपहर बाद 1.30 से सायं 3.00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
श्रेष्ठ चौघडि़ए:
आज सूर्योदय से प्रात: 7.57 तक शुभ, पूर्वाह्न 11.00 से अपराह्न 3.35 तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा सायं 5.05 से सूर्यास्त तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 12.07 से दोपहर 12.56 तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभ कार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
शुभ मुहूर्त:
उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज मघा नक्षत्र में हलप्रवहण का यथाआवश्यक शुभ मुहूर्त है।