scriptयदि आप सत्य के प्रेमी है तो उसके असीम सौंदर्य और महत्व के साथ उसे खोजने का साहस कीजिए : रबिन्द्रनाथ टैगौर | Todays Rabindranath Tagore Jayanti 2020 | Patrika News

यदि आप सत्य के प्रेमी है तो उसके असीम सौंदर्य और महत्व के साथ उसे खोजने का साहस कीजिए : रबिन्द्रनाथ टैगौर

Published: May 08, 2020 11:49:42 am

Submitted by:

Shyam

8 मई शुक्रवार को हैं गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगौर जयंती

यदि आप सत्य के प्रेमी है तो उसके असीम सौंदर्य और महत्व के साथ उसे खोजने का साहस कीजिए : रबिन्द्रनाथ टैगौर

यदि आप सत्य के प्रेमी है तो उसके असीम सौंदर्य और महत्व के साथ उसे खोजने का साहस कीजिए : रबिन्द्रनाथ टैगौर

मैं जिस बात का समर्थन करना चाहता हूं वह यह है कि इस उपेक्षित सत्य को लोग जीते जागते रूप में स्वीकार करें कि धर्म की वास्तविकता का आधार बहुत आवश्यक और विश्वव्यापी आवश्यकता के रूप में मानव प्रकृति की सत्यता में है और इसीलिए मानव प्रकृति के द्वारा उस धर्म की वास्तविकता की लगातार परीक्षा होती रहनी चाहिए। जहाँ पर यह उस आवश्यकता की उपेक्षा और तर्क का उल्लंघन करती है वहाँ पर यह स्वयं अपने औचित्य को दूर भगा देती है।

यदि आप सत्य के प्रेमी है तो उसके असीम सौंदर्य और महत्व के साथ उसे खोजने का साहस कीजिए : रबिन्द्रनाथ टैगौर

मुझे इस कथन को मध्यकालीन भारतवर्ष के बहुत बड़े रहस्यवादी कवि कबीर, जिन्हें मैं अपने देश के सर्वप्रधान आध्यात्मिक विशेष बुद्धिमानों में से एक व्यक्ति मानता हूं, की कुछ निम्नलिखित पंक्तियों को देते हुए समाप्त करने दीजिए। “रत्न कीचड़ में खो गया है और सब लोग उसे ढूंढ़ रहे हैं। कुछ लोग पूरब की ओर खोजते हैं, कुछ पश्चिम की ओर। कुछ लोग पानी में खोजते हैं और कुछ पत्थरों में। किन्तु दास कबीर ने उस के सच्चे मूल्य को जान लिया है और स्वयं अपने हृदयरूपी वस्त्र के एक आँचल में उसे बड़े यत्न के साथ लपेट रखा है।

यदि आप सत्य के प्रेमी है तो उसके असीम सौंदर्य और महत्व के साथ उसे खोजने का साहस कीजिए : रबिन्द्रनाथ टैगौर

यदि आप सचमुच सत्य के प्रेमी हैं, तो उसके समस्त असीम सौंदर्य और महत्व के साथ पूर्ण रूप में उसे खोजने का साहस कीजिए। किंतु रूढ़ियों की पत्थर की दीवालों के भीतर कंजूसों के समान एकान्त स्थान में उसके (सत्य के) व्यर्थ के संकेत चिन्हों का संग्रह करके ही संतोष न कर लीजिए। महात्माओं की आध्यात्मिक उच्चता के कारण जोकि उन सबसे समान रूप से पाई जाती है, हमें विनम्रतापूर्ण सादगी के साथ उनका आदर करना चाहिए।

यदि आप सत्य के प्रेमी है तो उसके असीम सौंदर्य और महत्व के साथ उसे खोजने का साहस कीजिए : रबिन्द्रनाथ टैगौर

यह आध्यात्मिक उच्चता उन में उस समय देखी जाती है जब वे अपनी विश्वजनीन उच्च विचारों के साथ मनुष्य की आत्मा को स्वयं उसके व्यक्तिगत उसकी जाति और उसके धर्म के अहं भाव के बन्धन से छुड़ाने के लिए एकत्रित होते हैं। किंतु परंपराओं की एक नीची भूमि में जहाँ धर्म एक दूसरे के दासों और अन्धविश्वासों को चुनौती देकर ललकारते हैं और उनका खण्डन करते हैं वहाँ पर एक बुद्धिमान मनुष्य निश्चय ही संदेह ओर आश्चर्य के साथ उनके पास से चला जायेगा।

यदि आप सत्य के प्रेमी है तो उसके असीम सौंदर्य और महत्व के साथ उसे खोजने का साहस कीजिए : रबिन्द्रनाथ टैगौर

मेरा मतलब इस बात का समर्थन करने का नहीं है कि समस्त मानव जाति के लिए कोई एक ही प्रकार का प्रार्थनागृह रखा जाय अथवा कोई एक ऐसा विश्वजनीन नमूना रखा जाए जिसका अनुकरण सभी पूजा के और सद्भावना के कार्यों के द्वारा किया जाए।

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