30 दिसंबर को पड़ने वाले शनि प्रदोष के योग पर भगवान शिव की पूजा का प्रावधान है। ऐसी मान्यता है कि ये खास दिन सभी दिनों को एक साथ लिए विभिन्न प्रकार के योग का निर्माण करती है। इस दिन भगवान शिव की तो पूजा करनी ही चाहिए। लेकिन साथ ही साल के अंत में 30 दिसंबर को पड़ने वाले शनिवार को भगवान शनि की भी पूजा की जानी चाहिए। यदि आपकी कुंडली में शनि दोष है तो निश्चित रूप से इस दिन शनि महाराज की पूजा करने से वे प्रसन्न होंगे।
इस दिन भगवान शिव की पूजा के साथ शनि महाराज की भी पूजा करने से अकूट कृपा मिलती है। इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न होते ही हैं और साथ ही शनि महाराज भी काफी खुश होकर अपने सभी भक्तों की परेशानियों को खत्म करके उन्हें ढेरों खुशियां देते हैं। 30 दिसंबर के दिन शनि महाराज को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा विधि हम आपको बताने जा रहे हैं। जिसका पालन करके निश्चित तौर पर आपकी कई समस्याएं दूर हो जाएंगी और साथ ही आपकी सभी मनोकामनाओं को भी महाराज पूर्ण करेंगे।
1. सुबह सूर्योदय से पहले शनि महाराज को सरसों का तेल अर्पित करें, साथ ही सरसों के तेल का दीया भी जलाएं।
2. एक नए काले कपड़े में काली उड़द की दाल के साथ 1.25 किलो कोई भी अनाज, कोयले का एक टुकड़ा और एक कील बांधकर नदी में बहा दें।
3. शनि मंदिर में जाकर राजा दशरथ द्वारा रची गई शनि स्त्रोत का पूरे विधि विधान के साथ पाठ करें।
2. एक नए काले कपड़े में काली उड़द की दाल के साथ 1.25 किलो कोई भी अनाज, कोयले का एक टुकड़ा और एक कील बांधकर नदी में बहा दें।
3. शनि मंदिर में जाकर राजा दशरथ द्वारा रची गई शनि स्त्रोत का पूरे विधि विधान के साथ पाठ करें।