केले का वृक्ष
केले के वृक्ष का संबंध देव गुरु बृहस्पति देव और भगवान विष्णु से माना जाता है। बृहस्पति का संबंध गुरुवार से है, इसीलिए गुरुवार के दिन केले की जड़ में शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए। जल में चुटकी भर हल्दी मिलाकर केले की जड़ में अर्पित करना चाहिए। इससे बृहस्पति बृहस्पति मजबूत होता है। वहीं इस पेड़ में भगवान विष्णु का वास माना जाता है। यानी केले के पेड़ की पूजा से भगवान विष्णु को प्रसन्न कर उनकी कृपा पाई जा सकती है। घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। जिनके विवाह में बाधा आ रही है, वह भी दूर होती है।
आंवला और तुलसी
तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय है। जिन घरों में प्रतिदिन सुबह शाम तुलसी में दीपक जलाकर जल चढ़ाया जाता है और तुलसी पूजन किया जाता है वहां विष्णु जी के साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है। ऐसे घरों में हमेशा धन-धान्य बना रहता है। आंवला सेहत के लिए तो फायदेमंद होता ही है इसके अलावा एकादशी तिथि को आंवले के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। माना जाता है कि आंवले के पेड़ में भी भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए आंवला नवमी के दिन आंवले के वृक्ष का पूजन विशेष फलदाई माना गया है।
बेल और बरगद के पेड़ का पूजन
बरगद और बेल के वृक्ष में भगवान शिव का वास माना गया है। बेलपत्र भगवान शिव को अति प्रिय हैं। यदि श्रद्धा से एक बेलपत्र शिव जी को अर्पित कर दिया जाए तो भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के जीवन के कष्टों को दूर करते हैं। बेल के वृक्ष के नीचे शिवलिंग रखकर पूजा करने से शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। प्रत्येक महीने में दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को बरगद की पूजा करना बेहद शुभ फलदायी माना गया है।
शमी के पेड़ का पूजन
शमी के वृक्ष का पूजन करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है। हर शनिवार के दिन शमी के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और आपके जीवन के सारे कष्ट दूर कर देते हैं। घर मं सुख-समृद्धि बनी रहती है। यही नहीं शमी के पत्ते अर्पित करने से शिव जी भी प्रसन्न होते हैं। इसलिए आप इन्हें शिव पूजन में भी काम में ले सकते हैं। माना जाता है कि घर में तुलसी के पौधे के साथ ही शमी का पौधा रखा जाए और पूजा-पाठ के नियमों का ध्यान रखा जाए, तो घर-परिवार में सुख की कभी भी कमी नहीं होती।