scriptदो दिन ही सूर्य वास्तविक पूर्व दिशा में उगता है, इस दिन परछाई भी छोड़ देती है हमारा साथ | 21st june zero shadow day | Patrika News
धर्म

दो दिन ही सूर्य वास्तविक पूर्व दिशा में उगता है, इस दिन परछाई भी छोड़ देती है हमारा साथ

दो दिन ही सूर्य वास्तविक पूर्व दिशा में उगता है
इस दिन परछाई भी छोड़ देती है हमारा साथ
साल में दो दिन होते हैं जीरो शैडो-डे( zero shadow day )

भोपालJun 20, 2019 / 03:59 pm

Devendra Kashyap

zero shadow day

दो दिन ही सूर्य वास्तविक पूर्व दिशा में उगता है, इस दिन पराछाई भी छोड़ देती है हमारा साथ

बचपन से हमें पढ़ाया जाता है, बताया जाता है कि परछाई कभी साथ नहीं छोड़ती। ये भी बताया जाता है कि सूर्य पूर्व में उगता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि परछाई भी साथ छोड़ देती है? सूर्य साल में मात्र दो दिन ही वास्तविक पूर्व दिशा में उगता है? शायद आप बोलेंगे कि ऐसा नहीं है लेकिन सच्चाई यही है कि परछाई भी साथ छोड़ देती है। ये भी सच्च है कि साल में मात्र दो दिन ही सूर्य वास्तविक पूर्व दिशा में उगता है।
दरअसल, खगोल वैज्ञानिक के अनुसार, साल में सिर्फ दो दिन ही सूर्य वास्‍तविक पूर्व दिशा में उगता है। इसी तरह साल में महज दो दिन ऐसे होते हैं, जब सूर्य दोपहर के समय ठीक हमारे सिर के ऊपर चमकता है। यही कारण है कि उस समय हमारी परछाई हमारा साथ छोड़ देती है। परछाई न बनने के इस घटनाक्रम को खगोल वैज्ञानिक जीरो शैडो-डे ( zero shadow day ) कहते हैं।
zero shadow day
ऐसा क्यों होता है

ये तो हम सब जानते हैं कि पृथ्‍वी सूर्य की परिक्रमा करती है और अपनी धुरी पर घूमती है। जैसा कि हम किताबों में पढ़ते हैं कि पृथ्‍वी अपने अक्षांश पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है। यही कारण है कि सूर्य रोशनी एक समान धरती पर नहीं पड़ती। यही कारण है कि दिन और रात की अवधि एक बराबर नहीं होती। ये हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी के सूर्य का चक्कर लगाने के कारण सूर्य के उत्तरायण और दक्षिणयान की प्रक्रिया घटित होती है और ऋतुओं में परिवर्तन होता है।
एक वर्ष में दो अयन

हिन्दू पंचाग के अनुसार, साल में दो अयन होता है। दरअसल, साल में दो बार सूर्य की स्थिति में परिवर्तन होता है। यही परिवर्तन या अयन उत्तरायण और दक्षिणयान कहा जाता है। कालगणना के अनुसार, जब सूर्य मकर राशि से मिथुन राशि तक भ्रमण करता है, तब इस समय को उत्तरायण कहते हैं। इसका समय छह माह का होता है। इसके बाद जब सूर्य कर्क राशि से सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, और धनु राशि में विचरण करता है तब इस समय को दक्षिणायन कहते हैं। यह भी छह माह के लिए होता है। इस तरह दोनों अयन 6-6 माह का होता है।
zero shadow day
उत्तरायण और दक्षिणयान

जब सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में 23.5 डिग्री अक्षांश पर स्थित मकर रेखा से उत्‍तर की ओर बढ़ता है, तो इसे उत्‍तरायण कहते हैं। उत्‍तर की ओर बढ़ते हुए 21 जून को सूर्य उत्‍तरी गोलार्ध में 23.5 डिग्री अक्षांश पर स्थित कर्क रेखा के ऊपर पहुंच जाता है। इस दौरान भूमध्‍य रेखा से कर्क रेखा के बीच कुछ खास स्‍थानों पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती है, जिस कारण वहां लंबवत खड़ी किसी चीज की परछाई नहीं बनती है। साथ ही 21 जून को दिन सबसे बड़ा होता है और रात सबसे छोटी होती है।
वहीं, जब सूर्य दक्षिण की ओर बढ़ने लगता है तो उसे दक्षिणायन कहते हैं। 22 दिसंबर को सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में स्थित मकर रेखा के ऊपर चमकता है। इस दौरान वहां पर गर्मी का मौसम होता है। इस दौरान दिन लंबी और रातें छोटी होती हैं। इस दौरान भूमध्‍य रेखा से दक्षिण में 23.5 डिग्री अक्षांश पर स्थित मकर रेखा पर मौजूद कई स्‍थानों पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं, तब वहां भी दोपहर के समय कुछ पलों के लिए शैडो नहीं बनता है।

Home / Astrology and Spirituality / Religion News / दो दिन ही सूर्य वास्तविक पूर्व दिशा में उगता है, इस दिन परछाई भी छोड़ देती है हमारा साथ

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो