14 साल बाद बनेगा अनंत चतुर्दशी के दिन पूर्णिमा का संयोग
Published: Sep 24, 2015 12:59:00 pm
14 साल बाद अनंत चतुर्दशी को पूर्णिमा तिथि का संयोग पड़ रहा है, दोपहर 12.07 बजे तक चतुर्दशी तिथि रहेगी, इस मुहूर्त में गणेश विर्सजन करना ज्यादा शुभ होगा
गणपति बप्पा मोरया… अगले बरस जल्द आ के नारों के साथ गणपति बप्पा के विसर्जन का सिलसिला गुरुवार से शुरू हो जाएगा। एकादशी को डोल ग्यारस के नाम से भी जानते हैं। इस दिन से अनंत चतुर्दशी तक गणपति की प्रतिमा का विर्सजन किया जाएगा।
ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के मुताबिक 14 साल बाद अनंत चतुर्दशी को पूर्णिमा तिथि का संयोग पड़ रहा है। दोपहर 12.07 बजे तक चतुर्दशी तिथि रहेगी। इस मुहूर्त में गणेश विर्सजन करना ज्यादा शुभ होगा। इसके बाद पूर्णिमा लग जाएगी। हालांकि अनंत चतुर्दशी उदया तिथि होने से दोपहर बाद भी गणेश का विसर्जन किया जा सकेगा। इसी दिन से श्रद्धा पक्ष की भी शुरुआत हो जाएगी। यह 12 अक्टूबर अमावस्या तिथि (16 दिन) तक चलेंगे।
ऐसे करें बप्पा को विदा
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक गणेश विसर्जन से पहले पंचामृत से गणेश प्रतिमा को स्नान कराएं। फिर धूप, रक्त चंदन आदि से श्रृंगार करें। मोदक, मालपुआ का भोग लगाएं। दुर्वा से अभिषेक कर आरती उतारें। विसर्जन से पहले पुन: आरती कर श्रद्धाभाव से प्रतिमा का विसर्जन करें।