क्यों मनाया जाता है बड़ा मंगल
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, प्रभु श्री राम पहली बार हनुमान जी से ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को ही मिले थे, इसलिए इसे बड़ा मंगलवार के नाम से जाना जाता है। भक्तजन इसे बुढ़वा मंगल के नाम से भी जानते हैं।
इस साल ज्येष्ठ माह की शुरुआत 17 मई 2022 से होकर यह 14 जून 2022 तक समाप्त होगा। इस साल ज्येष्ठ महीने की खास बात यह है कि इसका प्रारंभ और समापन दोनों मंगलवार के दिन होगा। वहीं भक्तों को बजरंगबली की आराधना के लिए 5 बड़े मंगल मिलेंगे। विद्वानों के अनुसार इस वर्ष 17 मई, 24 मई, 31 मई, 7 जून और 14 जून को बड़े मंगल पड़ रहे हैं।
बड़ा मंगल मनाने के पीछे का इतिहास-
मान्यताओं के अनुसार, बड़े मंगलवार के पर्व को हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्म के लोग मनाते हैं। कहते हैं कि बड़े मंगल का प्रारंभ 400 वर्ष पूर्व अवध के नवाब द्वारा किया गया था। इसके पीछे की कहानी यह है कि एक बार नवाब मोहम्मद अली शाह के पुत्र बहुत बीमार पड़ गए। तब उनकी बेगम ने अपने पुत्र का इलाज कई जगह करवाया परंतु कोई लाभ नहीं हुआ। इसके पश्चात लोगों ने बेगम को अपने पुत्र की कुशलता के लिए लखनऊ के अलीगंज में स्थित एक प्राचीन हनुमान मंदिर में जाने और वहां मन्नत मांगने की सलाह दी। नवाब ने वैसा ही किया और उसके मन्नत के फलस्वरूप नवाब मोहम्मद अली शाह का बेटा भी पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गया। इसके बाद फिर नवाब और उनकी बेगम ने मिलकर उस हनुमान मंदिर की पूरी मरम्मत करवाई। मरम्मत कार्य के पूर्ण होने के बाद ज्येष्ठ महीने की तपती गर्मी में हर मंगलवार को शहर वासियों को पानी और गुड़ का वितरण करवाया गया। इसके बाद से ही वहां बड़ा मंगल मनाया जाने लगा।
बड़े मंगल का महत्व-
बड़े मंगल या बुढ़वा मंगल को सभी भक्तों के लिए हनुमान जी की पूजा अर्चना और व्रत आदि का बड़ा महत्व बताया गया है। साथ ही ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले बड़े मंगलवार को कई मंदिरों में भंडारे भी करवाए जाते हैं। मान्यता है कि इस माह के मंगलवारों को जो भक्त बजरंगबली की पूजा और व्रत करता है, उसके जीवन की नकारात्मक दूर होने के साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। इसके अलावा शास्त्रों के अनुसार इस दिन सुंदरकांड पाठ और बजरंग वाण करना बड़ा फलदायी माना गया है।