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अगर बार-बार घबरा रहा दिल, तो जान लीजिए क्या है इसका कारण

locationभोपालPublished: Aug 11, 2019 11:42:04 am

Submitted by:

Devendra Kashyap

Causes of Depression : कुछ लोगों को भीड़ में या अधिक लोगों के बीच होने पर घबराहट महसूस होने लगती है तो बहुत से व्यक्तियों को इंटरव्यू या किसी भी कम्पटीशन या एग्जाम पर जाते समय बहुत घबराहट होती है।

Causes of Depression

अगर बार-बार घबरा रहा दिल, तो जान लीजिए क्या है इसका कारण

घबराहट या जल्दी नर्वस होना बहुत से लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बनी रहती है, जिसमे व्यक्ति के मन में किसी भी बात को लेकर बहुत जल्दी घबराहट उत्पन्न हो जाती है और व्यक्ति बहुत जल्दी नर्वस हो जाता है। उदाहरण के तौर पर कुछ लोगों को भीड़ में या अधिक लोगों के बीच होने पर घबराहट महसूस होने लगती है तो बहुत से व्यक्तियों को इंटरव्यू या किसी भी कम्पटीशन या एग्जाम पर जाते समय बहुत घबराहट होती है। इस समस्या के कारण हमेशा मन में एक भय की स्थिति भी बनी रहती है।
आइये जानते हैं कौन-कौन से ग्रह योग व्यक्ति को घबराहट और जल्दी नर्वस होने की समस्या देते हैं…

ज्योतिषीय दृष्टि में घबराहट या अधिक नर्वस होने की समस्या के लिए चन्द्रमा, सूर्य और कुंडली के लग्न और लग्नेश को महत्वपूर्ण माना गया है, पर इनमे भी चन्द्रमा का सर्वाधिक महत्व होता है। चन्द्रमा को ज्योतिष में मन का कारक माना गया है। हमारी मानसिक स्थिति, भावनात्मक गतिविधियां, विचार और मानसिक शक्ति को चन्द्रमा ही नियंत्रित करता है।
यदि कुंडली में चन्द्रमा नीच राशि ( वृश्चिक ) में हो, राहु-केतु या शनि के साथ हो तो ऐसे में पीड़ित या कमजोर चन्द्रमा के कारण व्यक्ति को मानसिक अस्थिरता, स्ट्रेस और डिप्रेशन आदि समस्याएं तो होती ही हैं पर पीड़ित या कमजोर चन्द्रमा ही घबराहट और जल्दी नर्वस हो जाने की समस्या उत्पन्न करता है।
कुंडली में चन्द्रमा पीड़ित होने पर व्यक्ति की मानसिक शक्ति भी कमजोर हो जाती है। जिससे व्यक्ति को नकारात्मक सोच, अपने आप ही विपरीत परिस्थितियों की कल्पना करना, जल्दी नर्वस होने की समस्या बनी रहती है और छोटी-छोटी बातों से भी व्यक्ति बहुत जल्दी नर्वस हो जाता है।
इसके अलावा सूर्य को इच्छा शक्ति, आत्मविश्वास और आंतरिक सकारात्मक ऊर्जा का कारक माना गया है। यदि कुंडली में सूर्य नीच राशि ( तुला ) में हो, राहु या शनि से पीड़ित हो या पाप भावों में होने से कमजोर स्थिति में हो तो ऐसे में व्यक्ति का आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति बहुत कमजोर पड़ जाती है। जिस कारण व्यक्ति परिस्थितियों का सामना करने से घबराता है और वह जल्दी नर्वस हो जाता है।
इसी प्रकार लग्न और लग्नेश भी व्यक्ति के आत्मविश्वास और आंतरिक सकारात्मक ऊर्जाओं को नियंत्रित करते हैं इसलिए लग्न में कोई पाप योग बनने पर या लग्नेश पाप भाव में पीड़ित होने पर भी व्यक्ति आत्मविश्वास और आंतरिक सकारात्मक ऊर्जाओं की कमी के कारण घबराहट और जल्दी नर्वस होने की समस्या का सामना करता है।

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