सेहत
चाणक्य नीति के अनुसार मानव के जीवन की सबसे बड़ी पूंजी उसकी सेहत ही है। एक स्वस्थ व्यक्ति अपने जीवन के हर मुश्किल हालात से लड़ सकता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार आपकी सेहत का बड़ा संबंध खानपान से होता है। जो व्यक्ति भोजन के तुरंत बाद खूब पानी पीता है वह उसके लिए विष समान है। जबकि खाने के बीच में थोडा सा जल ग्रहण करना सही है। वहीं चाणक्य नीति में कहा गया है कि स्वस्थ शरीर के लिए व्यक्ति को स्नान के बाद सप्ताह में एक बार मालिश अवश्य करनी चाहिए। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य के लिए ध्यान और योग करना भी जरूरी है।
धन
आचार्य चाणक्य के मुताबिक धन मनुष्य के जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। जहां एक धनवान मनुष्य समाज में सम्मान पाता है वहीं धन या रुपया आपकी मुसीबत के समय सहायता भी करता है। इसके अलावा धन आपके शुभचिंतकों की पहचान भी करवाता है। जो दोस्त और परिजन संपत्ति खोने के बाद भी आपके साथ खड़े होते हैं तो वे आपके शुभचिंतक हैं। साथ ही व्यक्ति को धन की कीमत समझते हुए बुरे समय और भविष्य के लिए उसकी बचत करनी चाहिए। इसलिए पैसा हमेशा सोच-समझकर खर्च करें।
यह भी पढ़ें – Maa Skandmata Ka Bhog: नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए लगाएं इस चीज का भोग, जानें पूजन मंत्र