यह उपछाया चंद्रग्रहण है इस कारण इसका कोई सूतक भी नहीं लगेगा और सभी कार्य अपने हिसाब से हो सकते हैं। मांद्य चंद्रग्रहण होने से यह ग्रहण चंद्रमा को धुंधला ही कर पाएगा। चंद्रमा कीकला में कोई कमी नहीं आएगी।
ग्रहणकाल के दौरान चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया से होकर गुजरेगा। आइये जानते हैं कि चंद्रग्रहण के दौरान क्या करें, क्या न करें…
चंद्र ग्रहण के समय खाने और पानी में दूर्वा या तुलसी पता डाल दें।
ग्रहण के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए इससे कुंडली में काल-शार्प दोष नहीं होगा। इस दौरान आप हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे, हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे का भी जाप कर सकते हैं।
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला ऊँ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: मंज्ञ का जाप करें। ग्रहण खत्म होने बाद स्नान करना चाहिए और पितृ के नाम से दान करना चाहिए।
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या ना करें
ग्रहण के समय खाना नहीं खाना चाहिए। इस दौरान संभोग से बचना चाहिए। ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए। ग्रहण काल में किसी भी जानवर पर नहीं बैठना चाहिए।
ग्रहण के समय खाना नहीं खाना चाहिए। इस दौरान संभोग से बचना चाहिए। ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए। ग्रहण काल में किसी भी जानवर पर नहीं बैठना चाहिए।