1. विनायक चतुर्थी पर सुबह उठकर साफ-सफाई करें, गंगाजल छिड़कें और उसके बाद स्नान ध्यान कर व्रत का संकल्प लें।
2. इसके बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दें, गणेशजी को पीले फल-फूल, दीप, धूप दीप, अक्षत, चंदन, दूर्वा अर्पित करें और विधि विधान से पूजा करें।
3. गणेशजी को मोदक का भोग लगाएं।
4. गणेशजी के मंत्रों का जाप करें, गणेश चालीसा का पाठ करें।
5. व्रत के दौरान सिर्फ एक बार फलाहार करें और यह फलाहार शाम को चंद्र को अर्घ्य देने और आरती के बाद ही करना चाहिए।
इस दिन बन रहा खास संयोग
विनायक चतुर्थी पर इस साल विशेष संयोग बन रहा है। इस दिन बड़ा मंगल भी पड़ रहा है, जो बजरंगबली की पूजा का दिन है। इस दिन पूजा से गौरी पुत्र गणेश और हनुमानजी के आशीर्वाद से भक्त का हर संकट दूर हो जाएगा। इस दिन राहु केतु के दुष्प्रभाव से मुक्ति के लिए गणेशजी की पूजा और मंगल दोष के दुष्प्रभाव से राहत पाने के लिए हनुमानजी की पूजा अचूक मानी जाती है।
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः।
निर्विघ्नं कुरु में देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।