सावन महीने में मंगलवार का दिन माता गौरी को समर्पित होता है, इसलिए इस दिन मंगला गौरी व्रत किया जाता है। मंगला गौरी व्रत के दिन शिवरात्रि होना भी, अपने आप में विशेष है।
सावन में सोमवार सावन, शिव और प्रकृति सावन महीने का शिव और प्रकृति से गहरा संबंघ है। माना जाता है कि इस महीने में भगवान शिव ( Lord Shiva ) पृथ्वी पर वास करते हैं। कहा जाता है कि सावन महीने में भगवान शिव ससुराल जाने के लिए पृथ्वी पर आते हैं। सावन मास में वर्षा ऋतु होने के कारण धरती हरी-भरी हो जाती है। कहा जाता है कि सावन मास में जब भगवान शिव ससुराल पहुंचते हैं तो उन पर जलाभिषेक कर के स्वागत किया जाता है। यही कारण है कि सावन महीने में श्रद्धालु शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं।
ये भी पढ़ें- सावन के पहले सोमवार को घर बैठे करें 5 चमत्कारी शिव मंदिर के दर्शन, अधूरी मनोकामनाएं हो जाएंगी पूरी पौराणिक कथा के अनुसार, जब समुद्र मंथन हो रहा था, उस वक्त कई चीजें मिली थी। इस दौरान विष भी निकला था। कहा जाता है कि उस विष से सृष्टि नष्ट होने का भय था। तब सृष्टि की रक्षा के लिए भगवान शिव ने उस विष को पी लिया। विष पीने के कारण भगवान शिव का कंठ नीला हो गया। यही कारण है कि उन्हें नीलकंठ भी कहा जाता है। मान्यता के अनुसार, विष का प्रभाव कम करने के लिए देवी-देवताओं ने भगवना शिव पर जलाभिषेक था। गौरतलब है कि समुद्र मंथन सावन महीने में ही हुआ था। यही कारण है कि सावन महीने में शिवलिंग पर जलाभिषेक करना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि सावन महीने में जलाभिषेक करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं।
सावन महीने में तीन तरह के व्रत रखते है श्रद्धालु सावन 2019 में इस राशि से नाराज हैं महादेव! ज्योतिषाचार्य के अनुसार, सावन 2019 में देवों के देव महादेव तुला राशि के जातक से नाराज हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस राशि के जातक को सावन महीने में थोड़ संभलकर रहना होगा। खासकर साथ में काम करने वाले लोग इनके कामकाज में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं। साथ ही इस राशि के जातक के परिवार के किसी बड़े-बुजुर्ग की तबीयत खराब हो सकती है। ऐसे में इस राशि के जातक कोई भी फैसला सोच-समझ कर लेना होगा।