सोमवार के दिन नागपंचमी होने के कारण शिव भक्तों में दोगुना उत्साह रहेगा। इस दिन भगवान शिव ( Lord Shiva ) की पूजा तो होगी ही, साथ ही भोलेनाथ के प्रिय नाग को भी दूध पिलाया जाएगा।
वत्स योग, रवि योग और हस्त नक्षत्र नागपंचमी सोमवार के दिन आने से इसका महत्व और बढ़ गया है। साथ ही इस दिन श्रीवत्स योग, रवि योग और हस्त नक्षत्र भी रहेगा। इस लिहाज से भी यह दिन काफी शुभकारी होगा। इस दिन कालसर्प योग, नागदोष से जो लोग पीड़ित है, उन्हें पूजा, अनुष्ठान करने से विशेष लाभ होगा और इससे राहत मिलेगी।
नाग पूजन में करें हल्दी का प्रयोग ज्योतिष के अनुसार, नागपंचमी के नागदेव की पूजा करते वक्त हल्दी का प्रयोग जरूर करना चाहिए। इस दिन अन्य देवी-देवताओं की तरह नागदेव की धूप, दीप, अगरबत्ती से पूजन करना चाहिए। साथ ही मीठा भोग लगाएं और नारियल अर्पण करना चाहिए।
नागदेव की प्रतिमा का पूजन करें अक्सर हम देखते हैं कि लोग सपेरे द्वारा पकड़े गए सांप ( नाग ) की पूजा करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। नागपंचमी को नागदेव की पूजा मंदिर में ही करना श्रेष्ठ माना जाता है।
ग्रहों का प्रतीक है सांप गरुड़ पुराण के अनुसार, सांप ग्रहों का प्रतीक है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि सांप के काटने से जिनकी मृत्यु होती है, उन्हें अधोगति की प्राप्ति होती है।