नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान कई चीजें निकली थीं। इस दौरान विष भी निकला था। विष को कोई भी पीने को तैयार नहीं था। अंतत: भगवान शिव ने उसे पी लिया। कथा के अनुसार, भगवान शिव जब विष पी रहे थे, तब उनके मुख से विष का कुछ बूंद नीचे गिरी और सर्प के मुख में समा गई। कहा जाता है कि इसके बाद ही सर्प जाति विषैली हो गई। कहा तो ये भी जाता है कि सर्पदंश से बचने के लिए नाग पंचमी के दिन नागदेव की पूजा की जाती है।
नाग पंचमी का महत्व मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नागदेव की पूजा करने और रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। माना तो ये भी जाता सर्पों की पूजा करने से नागदेव खुश रहते हैं। वहीं धार्मिक ग्रंथों की मानें तो जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष है, उसे नाग पंचमी के दिन भगवान शिव और नागदेव की पूजा अवश्य करनी चाहिए।