pitru paksha: पितृपक्ष में खाना-पान का बड़ा महत्व है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, श्राद्ध पक्ष में कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका सेवन नहीं करना चाहिए।
हिंदू धर्म के लोगों के लिए पितृपक्ष ( pitru paksha ) का बहुत अधिक महत्व होता है। इन दिनों में वे अपने पितरों की मुक्ति और उन्हें ऊर्जा देने के लिए विधि-विधान से श्राद्ध कर्म करते हैं। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ तो किया ही जाता है साथ ही ब्राह्मणों को भोज भी करवाया जाता है।
पितृपक्ष में खाना-पान का बड़ा महत्व है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, श्राद्ध पक्ष में कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका सेवन नहीं करना चाहिए। आज हम आपको बताएंगे कि पितृपक्ष में क्या नहीं खाना चाहिए…
बासी भोजन पितृपक्ष में बासी भोजन करना मना ही रहता है। वैसे तो स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बासी खाना हानिकारक होता है लेकिन पितृपक्ष में बासी खाना न तो खुद खाना चाहिए, ना ही किसी और को खिलाना चाहिए। इन दिनों में ऐसे खाने से दूर रहें तो ही बेहतर है।
चना और चने से बने अन्य चीज श्राद्ध पक्ष में चना और चने से बने अन्य चीज के सेवन करना मना रहता है। इसलिए पितृपक्ष में चना या चने के सत्तू का सेवन नहीं खरना चाहिए।
मूली, लौकी, खीरा और साग पितृपक्ष में मूली, लौकी, खीरा और सरसों का साग न तो खाया जाता है ना ही किसी को खिलाया जाता है। श्राद्ध पक्ष में इन चीजों को खाना और खिलाना दोनों प्रतिबंध है।
काला नमक पितृपक्ष में काले नमक के सेवन पर पूरी तरह प्रतिबंध है। इस दौरान खाने के दौरान काले नमक का प्रयोग भूलकर भी न करें। मसूर दाल पितृपक्ष में मूंग और उड़क की दाल का इस्तेमाल तो कर सकते हैं लेकिन इस दौरान मसूर की दाल का प्रयोग बिल्कुल न करें। श्राद्ध पक्ष में मसूर दाल न तो खाना चाहिए ना ही किसी को खिलाना चाहिए।