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मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्ति के लिए करें रमा एकादशी व्रत, जानें महत्व

locationनई दिल्लीPublished: Nov 01, 2018 05:25:40 pm

Submitted by:

Tanvi Tanvi Sharma

मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्ति के लिए करें रमा एकादशी व्रत, जानें महत्व

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मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्ति के लिए करें रमा एकादशी व्रत, जानें महत्व

कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की एकादशी को रमा एकादशी कहते हैं। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस दिन भगवान विष्ण की पूजा की जाती है। क्योंकि उन्हें एकादशी बहुत प्रिय है। माना जाता है की रमा एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती। इश दिन विष्णु जी की पूजा करने से मन प्रसन्न रहता है और सच्चे मन से की कई पूजा से यदि श्री हरि प्रसन्न हो जाते हैं इस साल यह एकादशी 3 नवंबर को है। मान्यता के अनुसार, इस व्रत के प्रभाव से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, यहां तक कि ब्रह्महत्या जैसे महापाप भी दूर होते हैं। सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए यह व्रत सुख और सौभाग्यप्रद माना गया है। शास्त्रों के अनुसार रमा एकादशी का व्रत करने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही सौभाग्य, समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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रमा एकादशी व्रत का महत्व

जो व्यक्ति रमा एकादशी के दिन व्रत करता है उसके सभी पाप धुल जाते हैं, उसके रास्ते में आर्इ सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और वो आध्यात्मिक रूप से मोक्ष को प्राप्त करता है। मोक्षदायिनी रमा एकादशी सनातन धर्म में भगवान विष्णु के लिए किए जाने वाले एकादशी व्रत का पालन व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम, तथा मोक्ष चारों पुरुषार्थ की प्राप्ति देता है। दीपावली से चार दिन पहले मनाई जाने वाला रमा एकादशी पर्व अपने आप में बहुत खास है। इस एकादशी में मूल रूप से महालक्ष्मी के रमा स्वरूप के साथ ही भगवान विष्णु के आठवें पूर्णावतार श्रीकृष्ण के केशव स्वरूप के पूजन का विधान है। देवराज इंद्र द्वारा रचित महालक्ष्मी अष्टक स्रोत के अनुसार देवी का ‘रमा’ नाम देवी लक्ष्मी के एकादश प्रिय नामों में से एक है।

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