script16 फरवरी, मंगलवार 2021: बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का मुहूर्त के साथ ही पूजा विधि | Saraswati Puja on Basant Panchmi: Tihti,Muhurat with Puja Vidhi | Patrika News

16 फरवरी, मंगलवार 2021: बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का मुहूर्त के साथ ही पूजा विधि

locationभोपालPublished: Feb 14, 2021 03:14:28 pm

मां सरस्वती की कृपा से ही व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि, विवेक के साथ विज्ञान, कला और संगीत का आशीष मिलता है…

Saraswati Puja on Basant Panchmi: Tihti,Muhurat with Puja Vidhi

Saraswati Puja on Basant Panchmi: Tihti,Muhurat with Puja Vidhi

बसंत पंचमी का त्योहार हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है और बसंत पंचमी (Basant Panchmi) के दिन से ही बसंत ऋतु (Spring Season) की शुरुआत मानी जाती है। बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती (Goddess Saraswati) की पूजा अर्चना की जाती है।

मां सरस्वती की कृपा से ही व्यक्ति को ज्ञान, बुद्धि, विवेक के साथ विज्ञान, कला और संगीत में महारत हासिल करने का आशीष मिलता है। हिंदू धर्म में सरस्वती पूजा का विशेष महत्व है। बसंत पंचमी को ज्ञान पंचमी या श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल यानी 2021 में सरस्वती पूजा का त्योहार 16 फरवरी दिन मंगलवार को मनाया जाएगा।

सरस्वती पूजा 2021 का शुभ मुहूर्त…
सरस्वती पूजा की तारीख- 16 फरवरी 2021 दिन मंगलवार
पंचमी तिथि प्रारंभ- 16 फरवरी सुबह 3.36 बजे से
पंचमी तिथि समाप्त- 17 फरवरी सुबह 5.46 बजे तक
सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त- 16 फरवरी को सुबह 6.59 बजे से लेकर दोपहर 12.35 तक
सरस्वती पूजा का कुल समय- 5 घंटे 37 मिनट

देवी माता सरस्वती की पूजा…
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुई थीं। इस वजह से ही वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन आराधना करने से माता सरस्वती जल्द ही प्रसन्न होती हैं। यही कारण है कि हर साल बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती का जन्मदिन मानकर उनकी पूजा अर्चना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता (Worship Goddess Saraswati) की पूजा करने से वह प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

वसंत पंचमी को ज्ञान पंचमी या श्री पंचमी भी कहते हैं। आज के दिन सरस्वती पूजा के अतिरिक्त भगवान विष्णु तथा कामदेव की भी आराधना करते हैं।

मां सरस्वती को जरूर अर्पित करें ये चीजें
वसंत पंचमी के दिन व्यक्ति को स्नान आदि से निवृत होने के बाद पीले या श्वेत वस्त्र धारण करना चाहिए। मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा करने के दौरान उनको पीले पुष्प, पीले रंग की मिठाई या खीर जरूर अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा उनको केसर या पीले चंदन का टीका लगाएं। पीले वस्त्र भेंट करें।
सरस्वती पूजा का महत्व
सरस्वती पूजा के दिन को बेहद शुभ माना जाता है और इस दिन को कोई नई कला, संगीत सीखने या शिक्षा प्राप्त करने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। बहुत से लोग इसी दिन से अपने बच्चों की अक्षर ज्ञान की शिक्षा शुरू करते हैं। गृह प्रवेश करने के लिहाज से भी बसंत पंचमी के दिन को शुभ माना जाता है। इसके अलावा बसंत पंचमी के दिन कामदेव और उनकी पत्नी देवी रति की भी पूजा की जाती है।
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