इस दौरान शनिदेव अपनी स्वामित्व वाली राशि मकर में रहेगी। वहीं साल 2022 के 29 अप्रैल को शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। वहीं आने वाले नवसंवत्सर 2079 के राजा भी शनिदेव ही होंगे। वहीं इस दौरान मंत्री देवगुरु बृहस्पति होंगे। वहीं वर्तमान में चल रहे विक्रम संवत 2078 के राजा व मंत्री दोनों ही मंगल हैं।
जानकारों के अनुसार पिछले 100 वर्षों में ये 15वीं बार ऐसा हो रहा है जब नए साल की शुरुआत शनिवार को हो रही होगी।
100 साल में कब-कब किस साल की हुई शनिवार से शुरुआत
वर्ष : 1921,1927,1933,1944,1949,1955, 1966,1972,1977,1983,1994,2000,2005 और 2011 । वहीं अब साल 2022 की भी शनिवार से ही शुरुआत होगी।
इन राशि वालों को मिलेगी अप्रैल 2022 से राहत
ज्योतिष के जानकार पंडित एके शुक्ला के अनुसार अभी शनिदेव मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। जो 5 राशियों पर अपनी दृष्टि लगाए हुए हैं।
ऐसे में जहां तुला और मिथुन राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है तो वहीं धनु, मकर व कुंभ पर शनि की साढ़े साती चल रही है। जिसके कारण ये पांचों राशियां शनि की चाल से काफी प्रभावित हैं। ऐसे में अब 2022 के शुक्रवार, 29 अप्रैल शनिदेव स्वयं की दूसरी राशि कुंभ में गोचर कर जाएंगे। तब मिथुन, तुला राशि से ढैय्या हट जाएगी और धनु राशि भी शनि की साढ़े साती से मुक्त हो जाएगी।
जानकारों के अनुसार किसी वर्ष की शुरुआत जिस वार से होती है उस वार का अधिपति ही साल का राजा होता है। ऐसे में अंग्रेजी वर्ष 2022 की शुरुआत शनिवार से होने के कारण इसके राजा शनिदेव होंगे, वहीं हिंदू कैलेंडर के हिसाब से भी नवसंवत्सर 2079 के राजा शनि ही होंगे। ऐसे में शनि का वर्तमान और आने वाले वर्ष में अपनी ही प्रभाव की राशियों क्रमश: मकर व कुंभ में होना भी उनकी शक्ति में इजाफा करने वाला रहेगा।
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ऐसे में शनि का असर उस समय और बढ़ जाएगा, जब वे नवसंवत्सर 2079 के राजा बन जाएंगे। ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि उनके राजा बनते ही देश में न्याय प्रक्रिया मजबूत होने के साथ ही गति पकड़ेगी।