scriptSawan 2019 : सावन में शिव के सामने नतमस्तक दिखा नाग | Sawan: Snake worshiped Lord Shiva at damoh | Patrika News

Sawan 2019 : सावन में शिव के सामने नतमस्तक दिखा नाग

locationभोपालPublished: Aug 03, 2019 12:25:11 pm

Submitted by:

Devendra Kashyap

Sawan 2019 : सावन में शिव के सामने नतमस्तक दिखा नाग

Sawan 2019

Sawan 2019 : सावन में शिव के सामने नतमस्तक दिखा नाग

सावन ( Sawan 2019 ) शिव ( Lord Shiva ) का महीना होता है। सावन में शिवालयों में भक्तों की भीड़ खूब उमड़ती है। भगवान शिव के भक्त सिर्फ इंसान ही नहीं, नाग यानी सांप ( snake ) भी होते हैं। भगवान की शिव की ज्यादातर प्रतिमाओं में गले में आपको नाग लिपटा हुआ दिखाई देता है। कई बार शिवालयों से भी यह खबर आती है कि शिवलिंग ( shivling ) से सांप लिपट हुआ था। वहीं, अगर सावन के पावन महीने में आपको शिव मंदिरों के गर्भ गृह में साक्षत कोई नाग भगवान की भक्ति में लीन दिखे तो क्या कहना है।
मध्यप्रदेश के दमोह जिले से एक ऐसा ही वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। जिसमें नाग शिव जी की भक्ति में गर्भ गृह में लीन दिख रहा है। काले रंग का यह नाग काफी विषैला और बड़ा है। लेकिन वह निर्भिक होकर शिवलिंग के पास ऐसे बैठा था, मानो वह भगवान की पूजा-अर्चना कर रहा हो। मंदिर में पुजारी के प्रवेश के बाद भी वह शिवलिंग थोड़ा पीछे तो जरूर हटा लेकिन बाहर नहीं गया। फन उठाए हुए वह भोलेनाथ की तरफ मुंह खड़ा किए बैठा रहा।
Sawan 2019
 

सोशल मीडिया पर वायरल यह वीडियो 25 जुलाई की है। यह वीडियो मध्यप्रदेश के दमोह जिले का है। दमोह के बड़ी देवी मंदिर स्थित शिवलिंग के दर्शन के लिए यह नाग पहुंचा था। मंदिर के पुजारी आशीष कटारे ने कहा कि जब मैं मंदिर के गर्भ गृह में पहुंचा तो यह सांप मुझे दिखा।
वीडियो में आप साफ देख सकते हैं कि कैसे पुजारी उसे दूर हटने और मंदिर से निकलने को कह रहे हैं। हाथों से इशारा करके से पीछे की ओर जाने को कह रहे हैं। लेकिन यह सांप पीछे तो जरूर जाता है, मगर ध्यान शिवलिंग की तरफ ही रहता है। हालांकि जितना विषैला यह सांप था, वैसा आक्रामक भी नहीं दिखा। वह पुजारी के ऊपर हमला भी नहीं कर रहा था। चुपचाप फन उठाए शिवलिंग से थोड़ी दूरी पर बैठा रहा।
Sawan 2019
 

ये है धार्मिक मान्यता

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार वासुकी भगवान शिव के परम भक्त थे। मान्यताओं के अनुसार यह कहा जाता है कि नाग जाति के लोगों ने ही सबसे पहले शिवलिंग की पूजा का प्रचलन शुरू किया था। वासुकि की भक्ति से अभिभूत होकर भोलेनाथ ने उन्हें अपने गणों में शामिल कर लिया था। उसके बाद से ही वासुकी को नागलोक का राजा माना गया है। वहीं, सावन के महीने में ही नागपंचमी भी आता है। जब भोलेनाथ के साथ-साथ नागों की भी पूजा होती है।
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