पंडित सुनील शर्मा के अनुसार यह मास शिव परिवार की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है। सोमवार के दिन देवों के देव महादेव, मंगलवार को माता पार्वती के मंगला गौरी स्वरूप और बुधवार को उनके छोटे पुत्र भगवान गणेश की पूजा का विधान है।
मान्यता है कि इस मास के बुधवार को भगवान गणेश की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है। विधि विधान से पूजा करने पर भगवान गणपति भक्तों के कष्टों को मिटाकर उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
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इसके अलावा शास्त्रों में भी बताया गया है कि सावन का हर दिन बहुत खास होता है। सावन में शिव परिवार की स्तुति करने से सभी कष्ट दूर होते हैं। इसलिए सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है, जबकि मंगलवार के दिन मंगला गौरी का व्रत किया जाता है। इसके अलावा बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। चूंकि बुधवार का दिन शिवपुत्र श्रीगणेश का प्रिय दिन है। अत: सावन के बुधवार का विशेष महत्व माना गया है।
पंडित शर्मा के अनुसार वर्ष 2020 में सावन के कुल 4 बुधवार क्रमश: 8 जुलाई,15 जुलाई,22 जुलाई व 29 जुलाई को पड़ रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार, मूषक की सवारी करने वाले गणेशजी को प्रसन्न करने के लिए अगर कुछ उपाय करते हैं तो वह जल्द ही प्रसन्न होते हैं और आपके सभी कष्टों को दूर करते हैं।
गणपति पूजन
सच्चे मन से भगवान गणेश की प्रतिमा को दूर्वा, अक्षत्, धूप, जल, पुष्प आदि अर्पित करें। उनको भोग में गुड़ और धनिया का भोग लगाएं। भगवान गणपति को मोदक प्रिय है, इसलिए आप उनको मोदक भी अर्पित करें। इसके पश्चात गणपति की आरती करें और प्रसाद का वितरण कर दें।
: वहीं पूजा के बाद आप अपने समार्थ्य के अनुसार, तांबे के बर्तन और मूंग की दाल गरीबों को दान कर सकते हैं। पं. शर्मा के अनुसार शास्त्रों में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना गया है इसलिए सावन बुधवार के दिन भगवान गणेश को हरी दूर्वा चढ़ाएं।
कहा जाता है कि पार्वती पुत्र को हरी दूर्वा चढ़ाने से वह भक्तों पर सैदव अपनी कृपा बनाए रखते हैं और विघ्नहर्ता अपने भक्तों के सभी विघ्नों को दूर करते हैं और आशीर्वाद बनाए रखते हैं। ध्यान रखें कि दूर्वा की 11 या 21 गांठ ही भगवान गणेश को चढ़ाएं।
बुधवार को इसलिए होती है गणेश जी की पूजा…
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती की कृपा से जब बाल गणेश की उत्पत्ति हुई थी, तब उस समय भगवान शिव के धाम कैलाश में बुध देव उपस्थित थे। बुध देव की उपस्थिति के कारण श्रीगणेश जी की आराधना के लिए वह प्रतिनिधि वार हुए यानी बुधवार के दिन गणेश जी पूजा का विधान बन गया।
ये होते हैं फायदे…
: मान्यता के अनुसार सावन बुधवार के दिन गणेश चालीसा और गणेश स्त्रोत का 11 बार पाठ करें। नारद पुराण में बताया गया है कि इनका पाठ करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और अगर यह सावन में किया जाए तो यह विशेष फलदायी होता है। श्रीगणेश सुखकर्ता व दु:खहर्ता हैं, इसका पाठ करने से घर परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
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: सावन के बुधवार को गाय को हरी घास खिलाना चाहिए। ऐसा करने से बुध दोष का प्रभाव कम हो जाता है और भगवान गणेश की कृपा बनी रहती है। ऐसा हर सावन बुधवार को करते रहें। हरी खास खिलाने के बाद गाय माता को धन्यवाद कहें। शास्त्रों में बताया गया है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का निवास होता है। इससे जीवन में खुशहाली आती है और करियर में ग्रोथ मिलती है।
: सावन बुधवार के दिन गणेश मंदिर जाकर सिंदूर जरूर अर्पित करें। आप हर रोज भी भगवान गणेश को सिंदूर चढ़ा सकते हैं। भगवान गणेश को सिंदूर का विलेपन भी किया जाता है। भगवान गणेश को सिंदूर लगाने से नकारात्मक शक्तियां घर-परिवार से दूर रहती हैं। साथ ही परिवार के सदस्यों के बीच प्रेमभाव बना रहता है और नौकरी व व्यवसाय संबंधित समस्या दूर होती है।
: सावन बुधवार के दिन हरे रंग का एक साफ कपड़ा या रुमाल लें। इसमें पांच मुट्ठी साबुत हरी मूंग बांधकर पोटली की तरह बना लें। इसके बाद उस पोटली को सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद बहते जल में गणेश मंत्र का जप करते हुए प्रवाहित कर दें। ऐस करने से आपकी आर्थिक समस्या खत्म हो जाती है। साथ ही किसी भी तरह के कर्ज से मुक्ति मिलती है।