धर्म

21 जून से दक्षिणायन में सूर्य, नहीं होंगे शुभ कार्य

21 जून से दक्षिणायन में सूर्य
इस दौरान नहीं होंगे शुभ कार्य
क्षीर सागर में विश्राम करने चले जाते हैं देवी-देवता

भोपालJun 20, 2019 / 05:21 pm

Devendra Kashyap

21 जून से दक्षिणायन में सूर्य, नहीं होंगे शुभ कार्य

21 जून से सूर्य देव की गति में परिवर्तन हो रहा है। भगवान सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन की ओर गति करेंगे। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं होंगे। इसके साथ वर्षा ऋतु की शुरुआत होगी। दरअसल, हिन्दू धर्म में सदैव ही दक्षिण दिशा को शुभ कार्यो के लिए वर्जित किया जाता है। यही वजह है कि सूर्य की गति दक्षिणायन होने से शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
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जब सूर्य देव उत्तर की ओर गति करते हैं तो उसे उत्तरायण कहते हैं और दक्षिण दिशा की ओर गति को दक्षिणायन कहा जाता है। उत्तरायण और दक्षिणायन की गति 6-6 माह की होती है। माना जाता है कि शुभ कार्य सिर्फ उत्तरायण की ओर गति करने पर ही पूर्ण होते हैं। दरअसल, दक्षिणायन में समस्त देवी-देवता क्षीर सागर में विश्राम करने चले जाते हैं। माना जाता है कि इस दौरान किया गया शुभ कार्य का फल नहीं मिलता है।
एक वर्ष में दो अयन

हिन्दू पंचाग के अनुसार, साल में दो अयन होता है। दरअसल, साल में दो बार सूर्य की स्थिति में परिवर्तन होता है। यही परिवर्तन या अयन उत्तरायण और दक्षिणयान कहा जाता है। कालगणना के अनुसार, जब सूर्य मकर राशि से मिथुन राशि तक भ्रमण करता है, तब इस समय को उत्तरायण कहते हैं। इसका समय छह माह का होता है। इसके बाद जब सूर्य कर्क राशि से सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, और धनु राशि में विचरण करता है तब इस समय को दक्षिणायन कहते हैं। यह भी छह माह के लिए होता है। इस तरह दोनों अयन 6-6 माह का होता है।
वैज्ञानिक महत्व

सूर्य देव की गति परिवर्तन का वैज्ञानिक महत्व भी होता है। सूर्य देव जब उत्तरायण में होते हैं, तब वे धरती के समीप होते हैं। सूर्य के समीप होने के कारण भीषण ग्रमी का अहसास किया है और इसे ग्रीष्म ऋतु कहा जाता है। वहीं, जब सूर्य दक्षिणायन की ओर गति करता है, तब वह धरती से दूरा हो जाता है। इस दौरान वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है।

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