ये भी पढ़ें- आस्था या अंधविश्वास : पत्थर के नंदी पी रहे दूध दरअसल, भगवान शिव को वैरागी माना जाता है। यही कारण है कि भोलेनाथ को सभी तरह की वस्तुएं नहीं चढ़ायी जा सकती है। आइये हम जानते हैं कि सावन महीने में शिवलिंग पर क्या नहीं चढ़ाना चाहिए।
तुलसी पत्ता : अक्सर हमलोग गंगाजल में तुलसी के पत्ते डालकर शिवलिंग पर अभिषेक करते हैं। जबकि तुलसी का पत्ता भगवान विष्णु को चढ़ाया जाता है। इसलिए तुलसी का पत्ता शिवलिंग पर न चढ़ाएं और ना ही पंचामृत में तुलसी के पत्ते डालकर शिव का अभिषेक करें।
नारियल : जब भी पूजा करते हैं तो पूजा की थाली में नारियल जरूर रखते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं भगवान शिव का नारियल नहीं चढ़ाना चाहिए। आमतौर पर नारियल भगवान शिव और मां लक्ष्मी पर चढ़ाया जाता है।
कुमकुम : पूजा करते वक्त भूलकर भी शिवलिंग या शिव की मूर्ति पर कुमकुम की टीका नहीं लगाना चाहिए। भगवान शिव को चंदन या भस्म लगाना चाहिए। कुमकुम मां पार्वती को लगाना चाहिए क्योंकि कुमकुम को सुहाग का प्रतीक माना जाता है।
हल्दी : भगवान शिव को बैरागी माना जाता है। यही कारण है कि उन्हें हल्दी चढ़ाने से मना किया जाता है। भोलेनाथ को सफेद या लाल चंदन लगाना चाहिए। हल्दी को सौंदर्य की प्रतीक है, इसे भगवान विष्णु को चढ़ाया जाता है।
केतकी का फूल : कहा जाता है कि भगवान शिव को सफेद फूल बहुत प्रिय है, खासकर धतूरा का फूल। वैसे तो केतकी का फूल भी सफेद ही होता है लेकिन भगवान शिव पर उसे नहीं चढ़ाना चाहिए। कहा जाता है कि एक बार पेड़-पौधों को बोलने का मौका दिया गया था तब केतकी के पौधे ने झूठ बोल दिया था, तब ही से भगवान शिव पर इसे अर्पित नहीं किया जाता है।