एकादशी नन्दा संज्ञक तिथि रात्रि ९.२३ तक, तदन्तर द्वादशी भद्रा संज्ञक तिथि रहेगी। एकादशी तिथि में यज्ञोपवीत, विवाहादि मांगलिक कार्य, देव कार्य, गृहारम्भ, गृहप्रवेश, चित्रकार, देवोत्सव, यात्रा, अलंकार व व्रतोपवास आदि कार्य करने योग्य हैं। इसी प्रकार द्वादशी तिथि में सभी चर-स्थिर कार्य और विवाहादि मांगलिक कार्य शुभ होते हैं। नक्षत्र: विशाखा ‘मिश्र व अधोमुख’ संज्ञक नक्षत्र प्रात: ७.२७ तक, इसके बाद अनुराधा ‘मृदु व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। अनुराधा नक्षत्र में यथा आवश्यक विवाह, जनेऊ, यात्रा, सवारी, वस्त्रालंकार और सभी चर व स्थिर कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं। योग: गंड नामक नैसर्गिक अशुभ योग अंतरात्रि अगले दिन सूर्योदय पूर्व प्रात: ६.१३ तक है। इसके बाद वृद्धि नामक नैसर्गिक शुभ योग है। विशिष्ट योग: कुमार योग नामक शुभ योग सूर्योदय से प्रात: ७.२७ तक, इसके बाद राजयोग नामक शुभ योग रात्रि ९.२३ से अगले दिन सूर्योदय तक है। करण: बव नाम करण प्रात: ८.१७ तक, इसके बाद बालव-कौलवादि करण हैं।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से पूर्वाह्न ११.१६ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत, दोपहर १२.३४ से दोपहर बाद १.५३ तक शुभ तथा सायं ४.३० से सूर्यास्त तक चर के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर १२.१४ से दोपहर १२.५६ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं। शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज अनुराधा नक्षत्र में प्रसूतिस्नान, नामकरण, हलप्रवहण और विपणि-व्यापारारम्भादि के यथाआवश्यक शुभ मुहूर्त हैं।
व्रतोत्सव: आज षट्तिला एकादशी व्रत सबका तथा स्वामी विवेकानन्द जयंती है। चन्द्रमा: चन्द्रमा सम्पूर्ण दिवारात्रि वृश्चिक राशि में है। दिशाशूल: शुक्रवार को पश्चिम दिशा की यात्रा में दिशाशूल है। चन्द्र स्थिति के अनुसार उत्तर दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है। राहुकाल: प्रात: १०.३० से दोपहर १२.०० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे : आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (तो,न,नी,नू,ने) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनका जन्म ताम्रपाद से है। सामान्यत: ये जातक धर्म-कर्म में रत, देव-गुरु व माता-पिता की सेवा करने वाले, आस्थावान, शत्रुजयी, विद्या, कला व काम धंधे में निपुण, साहसी, मिलनसार, मिष्ठानप्रिय, यशस्वी, राजकोष से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से धन प्राप्त करने वाले और कष्ट सहिष्णु होते हैं। इनका भाग्योदय कुछ विलम्ब से लगभग ३९ वर्ष की आयु तक होता है। वृश्चिक राशि वाले जातकों को आज कुछ तनाव रहेगा। पैरों में किसी प्रकार की चोट आदि का भय है।