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आज भूल से भी न करें कोई शुभ कार्य, बन रहा है विष्कुंभ योग

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6 years ago
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वैधृति नामक अत्यंत दुद्र्धर्ष व व्यवधान कारक योग रात्रि ८.५२ तक, इसके बाद विष्कुंभ नामक नैसर्गिक अशुभ योग है। वैधृति नामक योग में सर्वदा सभी शुभ व मांगलिक कार्यों में सर्वथा वर्जित हैं। विशिष्ट योग: आज प्रात: ८.४९ से अंतरात ६.०७ बजे तक राजयोग नामक शुभ योग है। राजयोग में सभी धार्मिक व मांगलिक कार्य शुभ रहते हैं। करण: तैतिल नामकरण दोपहर बाद २.२३ तक, इसके बाद गरादि करण रहेंगे। नक्षत्र: पुनर्वसु ‘चर व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र प्रात: ८.४९ तक, इसके बाद अंतरात्रि ६.०७ तक पुष्य ‘क्षिप्र व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। पुनर्वसु नक्षत्र में शांति, पुष्टता, यात्रा, अलंकार, घर, कृषि, जनेऊ आदि के कार्य तथा पुष्य नक्षत्र में विवाह को छोडक़र सभी चर-स्थिर कार्य, शांति, पुष्टता आदि विषयक कार्य करने चाहिए।

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श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से प्रात: ९.५६ तक लाभ व अमृत, पूर्वाह्न ११.१४ से दोपहर १२.३१ तक शुभ तथा अपराह्न ३.०७ तक सूर्यास्त तक चर व लाभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं। बुधवार को अभिजित नामक मुहूर्त शुभ कार्यों में शुभ नहीं माना गया है।

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राहुकाल: दोपहर १२.०० से दोपहर बाद १.३० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।

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आज जन्म लेने वाले बच्चे : आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (ही, हु, हे, हो, डा, डी) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि कर्क है तथा जन्म रजत पाद से है। सामान्यत: ये जातक सत्यप्रिय, प्रशंसक और आनंदपूर्ण जीवन व्यतीत करने वाले, काव्यप्रेमी, विद्वान, बहुमित्रों वाले, सुशील, होशियार, धर्म में आस्था रखने वाले, कुटुम्ब प्रेमी, राज्यपक्ष से सम्माननीय, गुरु व अतिथि प्रेमी, कवि, लेखक, पत्रकार, वकील व शिक्षण आदि कार्यों में रुचि रखने वाले होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग ३५ वर्ष की आयु तक होता है। कर्क राशि वाले जातकों को आज आवश्यक अर्थव्यवस्था के लिए विशेष प्रयास करने पड़ेंगे। पर सफलता मिलेगी।

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