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आज इन शुभ कार्यों को करने से बन जाएगी लाइफ, आप भी मौका न चूकें

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6 years ago
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नवमी रिक्ता संज्ञक तिथि सायं ५.२६ तक, तदुपरान्त दशमी पूर्णा संज्ञक तिथि है। नवमी तिथि में शुभ व मांगलिक कार्य शुभ नहीं होते, पर नवमी तिथि में मद्य निर्माण, आखेट, जुआ, विग्रह, बंधनादि के कार्य सिद्ध होते हैं। दशमी पूर्णा संज्ञक तिथि में समस्त शुभ व मांगलिक कार्य शुभ होते हैं। पर अभी मलमास में शुभ कार्य वर्जित हैं। नक्षत्र: स्वाति ‘चर व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र अंतरात्रि अगले दिन सूर्योदय पूर्व प्रात: ५.०१ तक, इसके बाद विशाखा ‘मिश्र व अधोमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। स्वाति नक्षत्र में यदि समय व तिथ्यादि शुद्ध व शुभ हो तो देवालय, मांगलिक, वस्त्रालंकार, वास्तु व विवाहादि के कार्य शुभ होते हैं। योग: धृति नामक नैसर्गिक शुभ योग अंतरात्रि सूर्योदय पूर्व प्रात: ५.११ तक, तदुपरान्त शूल नामक नैसर्गिक अशुभ योग है। शूल नामक योग की प्रथम ५ घटी शुभ कार्यों में त्याज्य हैं। विशिष्ट योग: कुमार योग नामक शुभ योग अंतरात्रि ५.०१ से अगले दिन सूर्योदय तक है।

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श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से प्रात: ९.५८ तक लाभ व अमृत, पूर्वाह्न ११.१६ से दोपहर १२.३४ तक शुभ तथा अपराह्न ३.१० से सूर्यास्त तक चर व लाभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं। बुधवार को अभिजित नामक मुहूर्त शुभ कार्यों में वर्जित माना गया है। शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज दशमी तिथि व स्वाति नक्षत्र में अन्नप्राशन का यथाआवश्यक शुभ मुहूर्त है।

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ग्रह राशि-नक्षत्र परिवर्तन: रात्रि ११.०८ पर शुक्र उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में व अंतरात्रि सूर्योदय पूर्व प्रात: ७.१६ पर सूर्य उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। चन्द्रमा: चन्द्रमा सम्पूर्ण दिवारात्रि तुला राशि में रहेगा। दिशाशूल: बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। पर चन्द्र स्थिति के अनुसार आज पश्चिम दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद है। राहुकाल: दोपहर १२.०० से दोपहर बाद १.३० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।

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आज जन्म लेने वाले बच्चे :
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (रे, रो, ता, ति, तू) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि तुला है और रजतपाद से जन्म हुआ है। अंतरात्रि ५.०१ बजे के बाद जन्मे जातकों का ताम्रपाद से जन्म होगा। सामान्यत: ये जातक धनवान, कीर्तिवान, धर्मपरायण, व्यापारादि में निपुण, होशियार, शीतल स्वभाव, सबके प्रिय तथा यशोपार्जन करने वाले होते हैं। इनका भाग्योदय ३० से ३६ वर्ष की आयु के मध्य होता है। तुला राशि वाले जातकों को अपने कार्य क्षेत्र से आज अच्छा लाभ होगा। विवाह योग्य जातकों के सम्बंध निर्धारित हो सकते हैं।

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