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आज है परिघ नामक अशुभ योग, इन कार्यों को भूल से भी न करें

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6 years ago
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दशमी पूर्णा संज्ञक तिथि पूर्वाह्न ११.१४ तक, तदुपरान्त एकादशी नन्दा संज्ञक तिथि है। दशमी व एकादशी दोनों ही तिथियों में यथा आवश्यक विवाह आदि मांगलिक कार्य, जनेऊ, प्रतिष्ठा, गृहारम्भ, प्रवेश, यात्रा, अलंकार तथा अन्य घरेलू शुभ कार्य व उत्सवादि शुभ कहे गए हैं। नक्षत्र: पूर्वाषाढ़ा ‘उग्र व अधोमुख’ संज्ञक नक्षत्र प्रात: ९.३४ तक, तदन्तर उत्तराषाढ़ा ‘ध्रुव व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में कुआ, बावरी, कृषि, विग्रह आदि कार्य और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में विवाहादि मांगलिक कार्य प्रतिष्ठा, वास्तु और अलंकारादिक कार्य करने योग्य हैं। योग: वरियान नामक नैसर्गिक शुभ योग रात्रि ८.३८ तक, तदन्तर परिघ नामक नैसर्गिक अशुभ योग है। परिघ नामक योग की पूर्वाद्र्ध घटियां शुभ कार्यों में त्याज्य हैं। करण: भद्रा संज्ञक विष्टि नामकरण पूर्वाह्न ११.१४ तक, इसके बाद बवादि करण प्रारम्भ हो जाएंगे। भद्रा में शुभ व मांगलिक कार्य यथासंभव टाल देने चाहिए।

श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से प्रात: ८.१२ तक अमृत, प्रात: ९.४० से पूर्वाह्न ११.०९ तक शुभ तथा दोपहर बाद २.०५ से सूर्यास्त तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर १२.१३ से १.०० तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।

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शुभ मुहूर्त: आज उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में भद्रोत्तर गृहारम्भ, (च.शु.र.), द्विरागमन, सगाई-रोका, प्रसूतिस्नान, विपणि-व्यापारारम्भ, नामकरण, हलप्रवहण व कूपारम्भ आदि के शुभ व विवाह का (परिघार्ध दोषयुक्त) अशुद्ध मुहूर्त है।

व्रतोत्सव: आज दशामाता व्रत है। चन्द्रमा: चन्द्रमा सायं ४.२० तक धनु राशि में, इसके बाद मकर राशि में है। दिशाशूल: सोमवार को पूर्व दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। पर आज सायं ४.२० तक धनु राशि के चन्द्रमा का वास पूर्व दिशा में ही रहेगा। इसके बाद मकर राशि के चन्द्रमा का वास दक्षिण में रहेगा। यात्रा में सम्मुख चन्द्रमा धनलाभ कराने वाला माना गया है। राहुकाल: प्रात: ७.३० से ९.०० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।

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