योग:
ध्रुव नामक नैसर्गिक शुभ योग सायं 4.40 तक, तदुपरान्त व्याघात नामक नैसर्गिक अशुभ योग है। व्याघात नामक योग की प्रथम 9 घटी शुभ कार्यों में त्याज्य हैं।
शुभ मुहूर्त:
आज पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में जनेऊ का अति आवश्यकता में (सूर्यवेध दोषयुक्त) सगाई, टीका, रोका आदि तथा उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में विवाह का अतिआवश्यकता में, वधू-प्रवेश, द्विरागमन, नामकरण, विपणि-व्यापारारम्भ व विद्यारंभ आदि के यथाआवश्यक शुभ मुहूर्त
श्रेष्ठ चौघडि़ए:
आज सूर्योदय से प्रात: 7.34 तक शुभ, पूर्वाह्न 10.48 से अपराह्न 3.38 तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा सायं 5.15 से सूर्यास्त तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 11.59 से दोपहर 12.50 तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
राहुकाल:
दोपहर बाद 1.30 से अपराह्न 3.00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।