योग:
हर्षण नामक नैसर्गिक अशुभ योग सायं 5.20 तक, इसके बाद वज्र नामक नैसर्गिक अशुभ योग है। वज्र नामक योग की प्रथम तीन घटी शुभ कार्यों में यथासंभव त्याग देनी चाहिए। विशिष्ट योग: आज सर्वार्थसिद्धि नामक शुभ योग और दोष समूह नाशक रवियोग नामक शक्तिशलाी शुभ योग सूर्योदय से रात्रि 12.45 तक है।
शुभ मुहूर्त:
आज अनुराधा नक्षत्र में यथा आवश्यक सगाई, रोका, गृहारंभ (राहुवेध दोषयुक्त), विवाह (राहु केतु दान से), प्रसूतिस्नान (भद्रा के बाद), नामकरण, अन्नप्राशन, अक्षरारंभ, विद्यारम्भ, कूपारम्भ तथा विपणि-व्यापारारम्भ के भद्रोत्तर शुभ मुहूर्त हैं।
श्रेष्ठ चौघडि़ए:
आज सूर्योदय से प्रात: 8.13 तक शुभ, पूर्वाह्न 11.10 से अपराह्न 3.33 तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा सायं 5.00 से सूर्यास्त तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 12.14 से 1.01 तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
राहुकाल:
दोपहर बाद 1.30 से अपराह्न 3.00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।